कलेक्टर के निर्देशों की अवहेलना, जनमित्र शिविर में नहीं आए कर्मचारी एकमात्र पटवारी उपस्थित रहा- शेष गायब
मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ
आम नागरिकों की कोई बात न सुने वे कितना ही चीख पुकार मचाए कितने ही आवेदन देकर उन पर कोई ध्यान ना दें । यह तो देखा और सुना होगा मगर शासन तथा प्रशासनिक कर्मचारी न सुने यह आम्बुआ में देखा जा रहा है विगत सप्ताह आम्बुआ में जन मित्र शिविर में एकमात्र पंचायत सचिव के अलावा कोई उपस्थित नहीं रहा। जिलाधीश ने भी शिविर में उपस्थित रहने के निर्देश कर्मचारियों को दिए गए क्या मजाल कर्मचारी जिलाधीश के आदेश को मानते और न मानते हुए मंगलवार को आम्बुआ पंचायत भवन में आयोजित होने वाले जनमित्र शिविर में एक पटवारी को छोड़ कोई भी उपस्थित नहीं हुआ।
प्रदेश शासन के स्पष्ट निर्देश है कि ग्राम पंचायत स्तर पर हाट बाजार के दिन जनमित्र शिविरों का आयोजन व्यापक पैमाने पर किया जाए जिसमें शासन की जनहित योजनाओं का लाभ कैसे और कौन तथा कब उठा सकता है इसकी जानकारी के साथ ही ग्रामीणों की विभाग बार शिकायतों जन समस्याओं को शिविर में तथा शिविर हल नहीं हो सकने वाली समस्याओं को जिला स्तर पर हल कराने हेतु आवेदन प्राप्त कर वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत कर उन्हें हल कराना होता है ।आम्बुआ में मंगलवार को जन मित्र शिविर का आयोजन पंचायत सभागृह में रखा जाता है प्रथम शिविर 17/12/19 को आयोजित हुआ था तब लगभग एक दर्जन विभागों के जवाबदार कर्मचारी उपस्थित हुए इसके बाद से वे शिविरों से नदारद रहे हैं पिछले हफ्ते 14/01/2020 मंगलवार को पंचायत सचिव के अलावा कोई भी कर्मचारी उपस्थित नहीं हुआ । 14/01/20 को ही जिलाधीश श्रीमती सुरभि गुप्ता ने भी जनमित्र शिविरों के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, समस्त एसडीएम, एवं विभाग प्रमुखों को देकर जनमित्र शिविरों की मीटिंग के निर्देश तथा शिविरों के आयोजन के फोटो एवं प्रतिदिन प्राप्त आवेदनों एवं उनके निराकरण संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत की जाने के स्पष्ट आदेश पारित किया इसके बावजूद कर्मचारी है कि कलेक्टर के आदेशों- निर्देशों को खुलकर ठेंगा दिखा रहे हैं उन्हें अपने वरिष्ठ अधिकारियों का बिल्कुल ही भय दिखाई नहीं दे रहा है जिसका ताजा उदाहरणमंगलवार को पुनः आम्बुआ में दिखाई दिया पंचायत सभागृह में मात्र एक पटवारी जितेंद्र सिंह डुडवे ही उपस्थित रहे शेष गायब रहे।