कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर प्रदेश भर में किया आज सत्याग्रह

May

पीयूष चन्देल, अलीराजपुर

पुरानी पेंशन बहाली के लिए प्रदेश भर में उपवास कर सत्याग्रह कार्यक्रम किया गया उसी के अंतर्गत अलीराजपुर में भी गांधी जयंती के अवसर पर पुरानी पेंशन बहाली संघ के प्रदेश स्तरीय आह्वान पर 1 दिन का उपवास रखा गया तथा महाविद्यालय परिसर में गांधीजी कि प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पेंशन विहीन कर्मचारी साथियों ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर संघ के प्रदेश सचिव राजेश आर वाघेला ने कहा 2005 के पश्चात नियुक्त समस्त कर्मचारियों को एकजुट होकर पुरानी पेंशन बहाली की लड़ाई लड़ना होगी तभी हमारा व हमारे परिवार का भविष्य सुरक्षित हो सकेगा। श्री वाघेला ने कहा कोरोना के चलते उक्त कार्यक्रम सीमित संख्या में किया गया है, किंतु आने वाले समय में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को बड़े रूप में सभी विभाग के कर्मचारियों के द्वारा एकजुटता के साथ लड़ी जाएगी। अजाक्स उपाध्यक्ष रतनसिंह रावत, जिला संगठन मंत्री गुलसिह सोलंकी, खुमानसिंह डावर, जगतसिंह रावत सहित पेंशन विहीन कर्मचारियों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भाग लिया जिला सचीव लालसिह डावर, प्रांतीय शिक्षक संघ महिला प्रकोष्ठ प्रदेश सचिव श्रीमती पूर्णिमा व्यास, जिलाध्यक्ष श्रीमती विद्या बंडोर, श्रीमती नेहा परिहार सहित अन्य सदस्यों ने उपवास रख अपनी मांग का समर्थन किया।
जिलाध्यक्ष राकेश खेड़े ने बताया कि 1 जनवरी 2005 से मध्यप्रदेश में कर्मचारियों की पुरानी परिवार पेंशन बंद कर नई पेंशन स्कीम ( NPS ) लागू की गई है, जो कर्मचारियों के लिए नुकसानदायक साबित हो रही है। नई पेंशन स्कीम पूरी तरह शेयर मार्केट पर निर्भर है, जिससे सरकारी कर्मचारियों का भविष्य दांव पर लग गया है। जहां पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय अंतिम वेतन का आधा वेतन पेंशन के रूप में प्राप्त होता है, तथा समय-समय पर DA बढ़ता है। वहीं NPS में कर्मचारियों को मिल रहे कुल वेतन का 10% तथा उतनी ही राशि शासन के द्वारा जमा की जाती है, जो NSDL के माध्यम से शेयर बाजार में लगा दी जाती है, तथा रिटायरमेंट के समय कर्मचारी के द्वारा कुल जमा राशि का 60% हिस्सा दिया जाता है, जो टैक्सेबल होता है, तथा शेष जमा राशि का ब्याज पेंशन के रूप में कर्मचारियों को दिया जाता है। जिससे रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों को ₹800 से लेकर ₹1200 तक पेंशन मिल रही है, जो वृद्धावस्था के समय ऊंट के मुंह में जीरे के समान है।
संघ की मांग है, कि जिस तरह 2005 के पूर्व नियुक्त कर्मचारियों को एवं सभी माननीय सांसदों और विधायकों को पुरानी पेंशन का लाभ दिया जा रहा है, उसी प्रकार 1 जनवरी 2005 के बाद नियुक्त समस्त कर्मचारियों को उनकी प्रथम नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता मानते हुए पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाना चाहिए ताकि कर्मचारी अपना बुढ़ापा सम्मान के साथ काट सके।