उच्च न्यायालय ने आरक्षक राकेश गुजरिया के निलंबन पर लगाई रोक, आरोप- राजनीतिक दबाव में दर्ज हुई थी FIR

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आलीराजपुर। उच्च न्यायालय ने कोतवाली पुलिस के आरक्षक राकेश गुजरिया के निलंबन आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता राकेश गुजरिया को 11.09.2025 को पूर्व में आलीराजपुर जिले के प्रभारी एसपी रहे भगवत सिंह विरदे ने जारी किया था।

दर्शन आरक्षक राकेश ने जोबट विधायक सी पटेल के पुत्र पुष्पराज पटेल के खिलाफ पूर्व में दुर्घटना के मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बाद में न्यायालय ने पुष्पराज पर लगाई गई धाराएं हटाकर उसे बरी कर दिया था। इसी के बाद राकेश गुजरिया को निलंबित किया गया था। जो एक रिपोर्ट दर्ज कराने और बाद में उच्च न्यायालय में समझौता करने के आधार पर किया गया था। राकेश ने अपने निलंबन को न्यायालय में चुनौती दी थी।

राकेश गुजारिया ने बाद में एक शपथ पत्र दाखिल किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि जिन अधिकारियों को नाम से पक्षकार बनाया गया है, उन्होंने शिकायतकर्ता पुष्पराज पटेल के खिलाफ पुलिस रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए उन पर दबाव डाला था।

न्यायालय ने अभिकथनों और शपथ पत्र पर विचार करते हुए, प्रथम दृष्टया मामला पाया। न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता के पक्ष में प्रथम दृष्टया मामला बनता है, इसलिए दिनांक 11.09.2025 के निलंबन के आक्षेपित आदेश के संचालन पर रोक रहेगी।

राकेश गुजरिया को उन अधिकारियों को पक्षकार बनाने के लिए याचिका में संशोधन करने की अनुमति दी गई जिनके खिलाफ आरोप लगाए गए थे। मामले को अब 17.11.2025 से शुरू होने वाले सप्ताह में सूचीबद्ध किया गया है।

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