ईद मीलादुन्नबी पर इस वर्ष भी कोरोना के चलते नहीं निकले जुलूस, सादगी से मनाया पावन पर्व

May

फिरोज खान ब्यूरो चीफ अलीराजपुर
इस वर्ष अलीराजपुर जिले मे ईद मिलादुन्नबी पावन पर्व कोविड 19 के संक्रमण की रोकथाम तथा सोशल डिस्टेसिंग के नियमों को ध्यान में रखते हुए जिले में जुलूस नहीं निकालकर सादगी से मनाया। इधर जिला प्रशासन के पास ऐसे कोई भी आदेश गृह विभाग से ना आने के चलते जिले में किसी भी धार्मिक चल समारोह, रैली, जुलूस के आयोजन की अनुमति जिला प्रशासन द्वारा नहीं दी गई थी। उन्होंने ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे कोरोनावायरस से बचाव के लिए सोशल डिस्टेसिंग के प्रावधान का सख्ती से पालन करें। ईद मीलादुन्नबी को लेकर एक सप्ताह पहले से ही शहर की मस्जिद मदरसे सज गया थे। मस्जिदों में मिलाद में तकरीर व नाते पाक का कार्यक्रम रखकर मस्जिद के पेश इमाम द्वारा देश में कोरोना वायरस के खात्मे के लिए खासतौर से रोज दुआएं की तथा मजिस्दों में दुआओं के बाद तबर्रुक वितरित किए गए।

मुस्लिम बहुल इलाकों में घरों को रोशन कर आतिशबाजी की
अलीरजापुर जिले के अलीरापुर, जोबट, उदयगढ़, आम्बुआ, कट्ठीवाड़ा, खट्टाली, नानपुर, बरझर, आजादनगर समेत पूरे जिले में आखिरी पैगम्बर सरकार हजरत मुहम्मद सल्ललाहु अलैह व सल्ललम के जन्मदिन पर ईद मीलादुदन्नबी पर अपनों अपनों घरों पर इस्लामी झंडे लगाकर घरों को फूलो व रिमझिम लाईटों से रोशन किया गया। शुक्रवार सुबह से ही मुस्लिम बहुल इलाके मोहल्लों व कस्बों मे आतिशबाजी कर ईद मिलाद का का त्योहार उत्साह व सादगीपूर्ण मनाया गया । हर घर नियाज़ पर फातेहा के बाद लंगर भी मोहल्लों में दिन भर चलता रहा ।

पिछले साल भी राम मंदिर निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से स्थगित हुआ था जुलूस
जिले भर में इस बार कोरोनावायरस 19 के संक्रमण की रोकथाम को ध्यान में रखते हुए शहर काजी, मस्जिदो के सदर के द्वारा मुस्लिम समुदाय को जुलूस नहीं निकालने कर ईद मीलादुन्नबी का त्योहार सांकेतिक रूप से मनाने का निर्णय लिया था । जिसके चलते आज सभी जगहों पर जुलूस न निकालकर अपने अपने घरों से आतिशबाजी कर खुशी का इजहार किया। साथ ही अगले वर्ष भी ईद मीलादुन्नबी पर राम मंदिर निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 10 नवम्बर को आने के चलते समाजज़नो ने जिले के शहर व कस्बों मे जुलूस नहीं निकाला था। इस तरह लगातार दूसरी बार हे जब हजऱत मुहम्मद सल्ललाहु अलैह व सल्ललम साहब का जन्मदिन पर जुलूस नहीं निकालने का निर्णय समाजजनों ने लिया ।