इंद्रदेव की उपस्थिति में धूम धाम के साथ हुआ श्री मद भागवत कथा का समापन

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भूपेन्द्रसिंह नायक, पिटोल

भाव भरे मन से ही ईश्वर की प्राप्ति होती है। जब दशैंन्दरियां भगवान मे लग जाती है तब मन गोकुलधाम हो जाता है ।अपने आप कोअहम सुन्य बनाएंगे तो ही भक्ति आएगी। भगवान की प्राप्ति हेतु किसी ऊंची अथवा नीची जाति का महत्व नहीं है केवल व्यक्ति के भाव का महत्व है। उक्त वचन पिटोल में श्री राधा कृष्ण पर पिछले 8 दिनों से चल रही संगीतमय भागवत कथा के समापन पर व्यासपीठ पर विराजित गौ भक्त संत श्री रघुवीर दास जी महाराज ने भागवत के समापन पर कही।पिटोल वासियो की धर्म के प्रति जागरूकता देख कर गुरुजी ने बताया कि जिस प्रकार एक लोहे को पीठ पीठ कर उसे स्वरूप दिया जाता है उसी प्रकार पिटोल धर्म प्रेमी जनता में धर्म इसी प्रकार से पीठ पीठ कर भर दिया गया है,आने वाली पीढ़ियों में भी यहा जन्म लेने वाला बच्चा भी धार्मिक ही निकलेगा। कथामृत में सु मधुर भजनों पर श्रोता झूम उठे ।कोरस पर पंडित नरेंद्र आचार्य, शैलेंद्र भट्ट, कमल त्रिवेदी तथा तबला वादक ओमप्रकाश जेठवा की संगत पर झूम उठे समारोह में भागवत आचार्य रमेश भाई ओझा के मामा जय सुख भाई का सानिध्य प्राप्त हुआ। ……भागवत समापन पर धूमधाम से निकली शोभा यात्रा……..श्री मद भागवत कथा के समापन पर श्री राधाकृष्ण मंदिर समिति द्वारा धूम धाम से भागवत जी की शोभा यात्रा निकाली गई।शोभायात्रा में भगवान के भजनों पर झूम रहे भक्तो के उत्साह को बारिश ने दोगुना कर दिया ।मूसलाधार बारिश में भी भक्त भगवान के भजनों पर जम कर थिरके।शोभायात्रा श्री राधाकृष्ण मंदिर से शुरु होकर बस स्टैंड,मालटोडी,हवेली,आज़ाद चोक होते हुए पुनः राधा कृष्ण मंदिर पहुची जहा श्री रघुवीर दास जी महाराज द्वारा भगवान की आरती उतार कर शोभायात्रा का समापन किया गया।। ……..कोरोना महामारी में स्वर्ग सिधारने वाले पिटोल वासियो को समर्पित की गई भागवत कथा……..श्री राधाकृष्ण मंदिर समिति ने कोरोना महामारी में समिति का साथ छोड़ चले गए समिति के प्रमुख रहे स्व.श्री सुखनंदन नागर एवं गुरु भाई स्व.श्री डुंगरसिंग कुंडल को श्रधांजलि अर्पित की गई ।

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