आलीराजपुर एसपी ने फरियादी कांस्टेबल राकेश गुजरिया को निलंबित किया

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आलीराजपुर। एक सड़क दुर्घटना में समझौता करने वाले आलीराजपुर के आरक्षक राकेश गुजरिया को पुलिस अधीक्षक ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इसके आदेश आलीराजपुर के प्रभारी एसपी रहे भगतसिंह विरदे ने जारी किए। आरक्षक पर आरोप है कि पहले उसने हत्या के प्रयास की रिपोर्ट लिखाई थी, लेकिन इसके बाद हाईकोर्ट में रजिस्ट्रार के समक्ष समझौता कर लिया था। पुलिस ने माना कि इससे उसकी छवि धूमिल हुई। 

घटना 12 जुलाई की रात को हुई थी। जोबट विधायक सेना पटेल और मप्र आदिवासी विकास परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष महेश पटेल के पुत्र पुष्पराज पटेल की कार से बस स्टैंड पर एक दुर्घटना हुई थी। मामले आरक्षक राकेश गुजरिया ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें उन्हें स्वयं भी चोटें आईं। इस घटना के बाद उन पर पुष्पराज पर हत्या के प्रयास की धारा 109 और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। लेकिन बाद में गुजरिया ने समझौता कर लिया। इसके बाद हाईकोर्ट इंदौर ने एफआईआर रद्द कर दी थी। 

इसके बाद पुलिस अधीक्षक भगवत सिंह विरदे द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार आरक्षक गुजरिया का यह कृत्य शासकीय नियमों के खिलाफ और पुलिस बल की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाला माना गया है। निलंबन की अवधि के दौरान उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा और इस मामले की आगे की जांच अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) को सौंपी गई है, जिन्हें तीन दिन के भीतर तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

पूरे मामले में पुलिस प्रशासन की किरकिरी हो गई थी। माना जा रहा है पुलिस प्रशासन ने अपनी गलती छिपाने के लिए कांस्टेबल गुजरिया को निलंबित किया है। मामले की जांच के आदेश एसडीओपी आलीराजपुर को दिए गए हैं। अब सवाल यह उठ रहे हैं कि, क्या पुलिस दूसरी बार ऐसी गलती करने जा रही है…पहली गलती 12 जुलाई की रात हुई दुर्घटना में जिस तरह से जल्दबाजी में की गई एफआईआर थी। तो क्या कांस्टेबल को निलंबित करना पुलिस की दूसरी गलती साबित होगी?

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