आरक्षक भर्ती फर्जीवाड़े का आलीराजपुर पुलिस ने किया पर्दाफाश, 6 गिरफ्तार, 4 फरार

0

आलीराजपुर | मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा 2023 में हुए बड़े फर्जीवाड़े का आलीराजपुर पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस अधीक्षक राजेश व्यास ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में बताया कि दस्तावेज सत्यापन के दौरान एक उम्मीदवार रामरूप पर संदेह होने के बाद यह पूरा रैकेट सामने आया। जांच में पाया गया कि रामरूप ने अपनी जगह किसी और को लिखित परीक्षा में बैठाने के लिए धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश रची थी। इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि चार मुख्य आरोपी अभी भी फरार हैं।

फर्जीवाड़े का तरीका और तकनीकी दांव-पेच

पुलिस अधीक्षक राजेश व्यास ने बताया कि रेकेटियर अशोक गुर्जर, अमिताभ रावत और लालू पुलिस आरक्षक भर्ती की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों से संपर्क करते थे। वे प्रति अभ्यर्थी 8 से 10 लाख रुपये में लिखित परीक्षा पास कराने का सौदा करते थे। इसके बाद, तीनों अपने साथी आशीष उर्फ साकेत (बिहार निवासी) के माध्यम से सॉल्वर (दूसरों की जगह परीक्षा देने वाले) की व्यवस्था करते थे।

सबसे महत्वपूर्ण कड़ी बायोमेट्रिक अपडेट की थी। मुरैना में एक निर्धारित स्थान पर, आधार कार्ड (बायोमेट्रिक) अपडेट करने वाली टीम द्वारा अभ्यर्थी के बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट को सॉल्वर के फिंगरप्रिंट से बदल दिया जाता था। इस तरह, अभ्यर्थी के नाम पर सॉल्वर के फिंगरप्रिंट दर्ज हो जाते थे, जिससे लिखित परीक्षा केंद्र में मूल अभ्यर्थी के स्थान पर सॉल्वर परीक्षा दे पाता था। लिखित परीक्षा के कुछ दिनों बाद, मूल अभ्यर्थी उसी टीम से अपने आधार कार्ड पर पुनः अपने स्वयं के बायोमेट्रिक अपडेट करवाकर शारीरिक परीक्षा में शामिल होते थे और चयनित हो जाते थे।

फिंगरप्रिंट क्लोनिंग और आरोपियों की गिरफ्तारी

इस रैकेट में फिंगरप्रिंट क्लोनिंग का भी इस्तेमाल किया जाता था। बायोमेट्रिक अपडेट करने वाली टीम अन्य व्यक्तियों के आधार आईडी और फिंगरप्रिंट क्लोन का उपयोग कर बायोमेट्रिक अपडेट करती थी। फिंगरप्रिंट क्लोन बनाने के लिए राहुल गुप्ता (कानपुर निवासी) पॉलिमर मशीन, पॉलिमर जेल, बटर पेपर, रेड्यूसर, लैपटॉप और प्रिंटर का उपयोग करता था, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है।

वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर, पुलिस अधीक्षक अलीराजपुर ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री प्रदीप पटेल और एसडीओपी अलीराजपुर के निर्देशन में अलग-अलग टीमें गठित कीं और उन्हें तत्काल मुरैना, श्योपुर और अन्य राज्यों जैसे झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात रवाना किया।

पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी:

  1. अमरेंद्र कुमार उर्फ बाहुबली (बिहार निवासी) – सॉल्वर, जिसने रामरूप के स्थान पर लिखित परीक्षा दी।

  2. संदीप (झांसी निवासी) – जिसकी आधार आईडी और फिंगरप्रिंट क्लोन से रामरूप का बायोमेट्रिक अपडेट किया गया।

  3. सुरेंद्र कुशवाहा (मुरैना निवासी) – आधार में रामरूप का बायोमेट्रिक अपडेट करने वाला ऑपरेटर।

  4. राहुल गुप्ता (कानपुर निवासी) – फिंगरप्रिंट क्लोन तैयार करने वाला।

  5. शिवम शर्मा (महोबा, उत्तर प्रदेश निवासी) – संदीप के फिंगरप्रिंट का क्लोन तैयार करने में मदद करने वाला।

  6. रामरूप (मुरैना निवासी) – मुख्य अभ्यर्थी जो चयनित होकर दस्तावेज वेरिफिकेशन हेतु अलीराजपुर उपस्थित हुआ।

फरार आरोपी और आगे की जांच

एसपी व्यास ने बताया कि इस मामले में अभी भी अशोक गुर्जर, अमिताभ रावत, लालू (सभी मुरैना निवासी) और आशीष उर्फ साकेत (बिहार निवासी) फरार हैं। ये गिरोह के मुख्य सरगना और मध्यस्थ के रूप में कार्य कर रहे थे। इन सभी की तलाश जारी है और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।

पुलिस सभी गिरफ्तार आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ कर रही है ताकि रैकेट के अन्य सदस्यों और सॉल्वर द्वारा कितने अन्य अभ्यर्थियों की परीक्षा दी गई है, इसकी जानकारी जुटाई जा सके।

आलीराजपुर पुलिस की एडवाइजरी

पुलिस अधीक्षक राजेश व्यास ने आम जनता से अपील की है:

  1. सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे मांगने वाले व्यक्तियों के झांसे में न आएं और तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दें।

  2. अपने आधार कार्ड का उपयोग सावधानीपूर्वक करें और किसी भी दुकान या अनजान व्यक्ति को न दें।

  3. अपने फिंगरप्रिंट का उपयोग केवल वैध स्थानों पर ही करें और किसी अन्य व्यक्ति को उपयोग हेतु न दें।

  4. सरकारी नौकरी भर्ती परीक्षा हेतु जारी निर्देशों का पालन कर ही परीक्षा में सम्मिलित हों।

Leave A Reply

Your email address will not be published.