आम्बुआ में जल संकट गहराया, जल जीवन मिशन ने अंगूठा दिखाया

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

आम्बुआ कस्बे की विगत चार दशक से प्यास बुझाती आ रही नल जल प्रदाय टंकी अब जवाब देने लगी है उसका पेट नहीं भर पाने के कारण वह जनमानस को प्यासे रखने की हालत में पहुंच रही है जीर्ण शीर्ण हालत तथा ट्यूबवेल का जलस्तर पाताल में जा रहा होकर जल प्रदाय में समस्या पैदा कर रहा है यह समय प्रशासनिक अदूरदर्शिता का नतीजा भी कहा जा सकता है जब यह पता चल रहा था कि विगत महीनों में जलस्तर गिर रहा है तथा टंकी पूरी क्षमता के साथ नहीं भर पा रही है तो समय रहते कोई वैकल्पिक या स्थाई समाधान क्यों नहीं खोजा गया? जल जीवन मिशन योजना के ठेकेदार तथा प्रशासन की मिलीभगत से आम्बुआ कस्बे को इस योजना का लाभ भी नहीं मिलने की चर्चा जोरों पर है और जवाबदार चुप्पी साधे बैठे हैं।

          प्राप्त जानकारी के मुताबिक आम्बुआ कस्बे की प्यास बुझाने हेतु 30-40 वर्ष पूर्व तत्कालीन सांसद दिलीप सिंह भूरिया (कांग्रेस) द्वारा अथक प्रयास कर आम्बुआ में टंकी का निर्माण कराया गया था जो कि अब जिर्ण शीर्ण होती जा रही है तथा कुछ वर्षों पूर्व इसकी मरम्मत भी की जा चुकी है जर्जर होती जा रही टंकी से पानी का रिसाव तथा नीचे वाल्व से बहता पानी जो कि विगत वर्षों से टंकी भरने के बाद रात भर तथा जल प्रदाय के समय वाल्व से व्यर्थ बहते पानी के कारण भी जल आपूर्ति करने वाले ट्यूबवेल का जलस्तर नीचे जाता रह कर अब स्थिति यह बन गई है कि रात भर दिन भर मोटर चलने के बावजूद टंकी पूरी नहीं भर पा रही है आम्बुआ कस्बे में पाइप लाइन के माध्यम से पानी प्रदान किया जाता रहा है पूरे कस्बे में पांच लाइन है 1 दिन में कुछ घंटे जल प्रदाय एक लाइन में मुश्किल हो पा रहा है स्थिति यह है कि जहां एक दिन छोड़कर जल मिल रहा था वहीं अब 5 दिन में एक बार मिल रहा है वह भी जितना चाहिए उतना नहीं मिल पा रहा है कस्बे में नवीन नलकूप खनन की जरूरत महसूस की जा रही है प्रशासन की जल जीवन मिशन योजना के तहत नवनिर्मित टंकी से जल आपूर्ति की उम्मीद कस्बा निवासी तथा पंचायत प्रशासन लगाए बैठा है मगर ठेकेदार तथा पीएचई विभाग की मिलीभगत या हठधर्मिता के चलते कस्बे में पाइप लाइन ही नहीं डाली जा रही है जबकि कस्बा निवासियों से कनेक्शन हेतु आधार कार्ड लगभग हर घर से कर्मचारी ले गए ठेकेदार का कहना है कि जितना कार्य उसे कराना था उसने करा दिया आगे विभाग तथा पंचायत जाने इन सबकी “नूरा कुश्ती” में बेचारी जनता प्यासी मरने को मजबूर हो रही है साधन संपन्न लोग घरों में ट्यूबवेल खनन करा रहे हैं मगर गरीब कहा जाए। हैण्डपंपो ने जवाब दे दिया तथा नदी नाले सुख चुके हैं और जवाबदारों के जजबात भी सुख चुके हैं जिसका खामियाजा आगामी चुनाव में भुगतने को जवाबदार भी तैयार रहें जनता हिसाब चुकता मय ब्याज के करना जानती है।

आम्बुआ में पहली बार जलसंकट दिखाई दे रहा है पानी समय पर तथा पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाने से लोग परेशान हैं।

भरत माहेश्वरी, वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता तथा पूर्व उप सरपंच

इनका कहना है

हैण्ड पम्पों का जल स्तर नीचे गिरता जाने से वे बंद होते जा रहे हैं पाइप बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है जल जीवन मिशन योजना की पाइप लाइन की टेस्टिंग की जा रही है जल्द ही जल वितरण हो सकेगा।

घनश्याम उपाध्याय, जिला पी.एच.ई अधिकारी

एक बोर पुराना करा हुआ है जिसको पूर्व में मिट्टी से दबा दिया जाने से खराब हो गया उसी में मशीन से सफाई कराने पर विचार किया है।

रमेश रावत सरपंच आम्बुआ

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