मयंकव विश्वकर्मा, आम्बुआ
मनुष्य धन कमाने में दिन-रात लगा रहता है दिन भर दुकानों में लगे रहे खूब कमाया धनवान हो गए यह धन जब आता है तो मनुष्य में घमंड बढ़ता है और वह धन कई बार गलत मार्गों पर डाल देता है इसलिए धन कमाओ मगर सत्संग में भी मन लगाओ मनुष्य का असली कार्य क्या है उसे केवल खाने पीने पहनने ओढ़ने आदि कार्य नहीं करना है।
