मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ
आम्बुआ तथा आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में विगत एक सप्ताह से बारिश नहीं होने के कारण खेतों में खड़ी फसले खराब होने की आशंका बढ़ रही है चिंतित कृषण भगवान से मनौती मांग रहे हैं जिनके कुओं तथा ट्यूबवैलों में थोड़ा सा पानी है वह सिंचाई करने में जुटे हैं कई कृषक नई विद्युत मोटरें खरीद रहे हैं तो कुछ बंद बड़ी मोटरों की मरम्मत करा रहे हैं ताकि सिंचाई कर सके।
ग्रामीण क्षेत्र से मिली जानकारी के अनुसार हमारे प्रतिनिधि ने आम्बुआ के अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्र अडवाड़ा, झौरा, कोटबू, कुण्ड, वड़ी, चिचलाना, हरदासपुर, भोरदू, बोरझाड़, मोटाउमर आदि ग्रामों में जाकर स्थिति देखी तो कृषकों ने बताया कि बारिश नहीं होने से जमीन में नमी समाप्त होती जा रही है खेत सूख रहे हैं जिस कारण उड़द, मक्का, मूंग, बाजरा, सोयाबीन, मूंगफली, कपास, ज्वार आदि फसले मुरझाने लगी है यदि दो-चार दिन में वर्षा नहीं होती है तो फसले खराब हो जाएगी अडवाड़ा के कृषक नारायण सिंह, मुकाम सिंह, कोटबू सरपंच पप्पू सिंह, कुण्ड के रामसिंह, छगनसिंह तथा ग्राम बड़ी के पटेल राजू भाई, पनवानी के मूलसिंह, चिचलाना के रूपसिंह, भोरदू के कमलसिंह, बोरझाड़ के राजेंद्रसिंह राठौर, मोटाउमर के अमरसिंह डुडवे तथा देकालकुआ के विक्रमसिंह, बावड़ी के ढुडिया भाई, जुवारी के विजयसिंह आदि ने बताया कि नदी नालों में पानी नहीं है कुछ कृषकों के कुओं तथा ट्यूबवैलों में थोड़ा सा पानी है जिससे सिंचाई कर कपास तथा मक्का की फसल बचाने का प्रयास किया जा रहा है यदि दो-चार दिनों में बारिश नहीं होती है तो फसले चौपट होकर कृषक भी चौखट हो जाने की संभावना है महंगा खाद्य बीज तथा मेहनत सब बेकार हो जाएगा क्षेत्र में अभी तक फसलों की स्थिति बहुत अच्छी मानी जा रही थी मगर अब धीरे-धीरे स्थिति खराब होने की और अग्रसर हो रही है सहकारी संस्थाओं, बैंकों तथा साहूकारों से लिया गया कर्ज चुकाना तथा परिवार का भरण पोषण कैसे होगा होंगा?
इनका कहना है
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सर्वे के निर्देश हुए हैं सर्वे करना है इसके बाद रिपोर्ट प्रशासन को देंगे।
सुश्री रंजना सोलंकी कृ.वि.अ आम्बुआ
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हमारी अभी हड़ताल चल रही है शासन ध्यान नहीं दे रहा है हड़ताल के बाद फसलों का सर्वे होना है फसले खराब हो रही है पानी की सख्त जरूरत है।
जितेंद्रसिंह डुडवे ह. पटवारी
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कृषक पुरानी बंद पड़ी विद्युत मोटरों तथा पंपों की मरम्मत कराने आ रहे हैं ताकि सुखती फसलो में सिंचाई की जा सके।