ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिलने से एक व्यक्ति की मृत्यु

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

आम्बुआ स्वास्थ केंद्र दिन-प्रतिदिन अव्यवस्थाओं का केंद्र बनता जा रहा है अव्यवस्थाओं की फेहरिस्त भी लंबी होती जा रही है शासन-प्रशासन जानबूझकर अनजान बना हुआ लगने लगा है अव्यवस्थाओं के ताजा उदाहरण यह है कि आम्बुआ दाऊदी बौहरा जमात के एक व्यक्ति की बीमारी के हालात में 19 मार्च को ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ी समाज तथा परिजन आम्बुआ स्वास्थ्य केंद्र गए जहां सिलेंडर नहीं मिला जिला चिकित्साधिकारी के कहने पर भी सिलेंडर नहीं दिया गया कारण पता चला कि जिस कक्ष में सिलेंडर रखा था उसकी चाबी नहीं मिल रही थी उसी अफरा-तफरी में व्यक्ति ने दम तोड़ दिया।

हमारे संवाददाता को मिली जानकारी के मुताबिक बोहरा जमात के हकीमुद्दीन ताहेर भाई की हालत खराब थी जिन्हें ऑक्सीजन की सख्त जरूरत थी परिजन तथा समाज जन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आम्बुआ गए तथा वहां पर ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग की मगर वहां कोई जवाबदार वरिष्ठ चिकित्सक ना होकर हमेशा की तरह एक नर्स के भरोसे अस्पताल चल रहा था समाज जनों ने जिला चिकित्साधिकारी डॉ प्रकाश ढोके को सूचना दी उन्होंने तत्काल ऑक्सीजन सिलेंडर देने का कहा गया मगर जिस कमरे में ऑक्सीजन सिलेंडर था उसके ताले की चाबी नहीं मिली तथा विलंब हो जाने के कारण 19 मार्च को ही हकीमुद्दीन ताहेर भाई बोहरा की मौत हो गई।

बोहरा समाज में आक्रोश- घटना से समस्त दाऊदी बोहरा समाज तथा मृतक के परिवार में आक्रोश व्याप्त है साथ ही आम्बुआ कस्बे में भी लोग आक्रोशित है मरहूम हकीमुद्दीन को 20 मार्च को सुपुर्दे खाक करने से पूर्व समाज जन आम्बुआ अस्पताल में एकत्र हुए जहां पर जिला चिकित्साधिकारी के समक्ष आक्रोश व्यक्त किया जमात के साथ ही अन्य लोगों ने अस्पताल में रात्रिकालीन समय में चिकित्सक नहीं रहने का मुद्दा उठाया गया तो उन्होंने पूर्व की तरह आश्वासन दिया कि रात्रि में चिकित्सक की व्यवस्था करा रहे हैं।

बीएमओ नहीं रहते हैं मुख्यालय पर

]आम्बुआ स्वास्थ केंद्र जिसे ब्लॉक मेडिकल अधिकारी का दर्जा प्राप्त है इसके बावजूद बी.एम.ओ यहां नहीं रहते हैं नवनिर्मित स्वास्थ भवन के लोकार्पण के समय प्रभारी मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, क्षेत्रीय विधायक श्रीमती सुलोचना रावत, पूर्व विधायक तथा सांसद प्रतिनिधि माधौसिंह डावर एवं जिलाधीश के सामने उक्त मुद्दा उठाया गया प्रभारी मंत्री द्वारा बी.एम.ओ कार्यालय आम्बुआ में संचालित करने का निर्देश दिया गया इसके बाद जिलाधीश अलीराजपुर ने आदेश निकाला उसके बाद विधायक प्रतिनिधि विशाल रावत के सामने मुद्दा उठाएगा मगर अपनी जिद पर अड़े बी.एम.ओ ने किसी के आदेश को नहीं माना और समाचार लिखे जाने तक कार्यालय जिला मुख्यालय पर ही संचालित किया जा रहा था तथा ग्रामीण स्टॉप, आशा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता आदि  परेशानी उठाने को मजबूर है। बी.एम.ओ शायद यह दर्शाने का प्रयास कर रहे हैं कि उनके सामने किसी की  नहीं चलेगी वह किसी का आदेश मानने नहीं आए हैं जो करेंगे अपनी मनमर्जी से करेंगे।

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