जीर्ण शीर्ण हो रही पानी की टंकी से दुर्घटना का भय

0

मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

आम्बुआ कस्बे में वर्षों पूर्व तत्कालीन सांसद की पहल से जल प्रदाय हेतु एक टंकी का निर्माण किया गया था, उस समय कस्बे की आबादी बहुत कम होने के कारण प्रतिदिन जल प्रदाय किया जाता था, मगर अब आबादी बढ़ जाने के कारण पुराना कस्बा क्षेत्र में एक दिन छोड़कर जल प्रदाय हो रहा है। जबकि शेष आबादी अपने स्तर से स्वयं के ट्यूबवेल से अपनी प्यास बुझा रही है।

टंकी पुरानी होने से दुर्घटना का भय बना हुआ है इस कारण ग्रामीण क्षेत्र में नवनिर्मित जल जीवन मिशन योजना की टंकी से जल प्रदाय की मांग की जा रही है मगर ठेकेदार तथा लोक स्वास्थ विभाग की मिलीभगत से कस्बे में पाइपलाइन नहीं डाली जा रही है जिससे नागरिकों में रोष व्याप्त है।

हमारे प्रतिनिधि के अनुसार तत्कालीन कांग्रेसी सांसद दिलीप सिंह भूरिया की विशेष पहल पर लगभग 40 वर्षों पूर्व आम्बुआ तथा नानपुर में जल प्रदाय हेतु टंकी का निर्माण पी.एच.ई विभाग द्वारा ठेकेदार के माध्यम से कराया गया था। जिस समय टंकी निर्माण कराई गई थी तब आम्बुआ कस्बा (ग्रामीण छोड़कर) की आबादी भवन तथा जनसंख्या बहुत ही कम थी जिस कारण नल कनेक्शन कम होने के कारण पानी का दबाव (प्रेशर) इतना अधिक था कि नल का पानी दो मंजिला भवन की उपरी मंजिल तथा तक तक पानी चढ़ जाता था जल प्रदाय पंचायत के माध्यम से किया जा कर तब 20 फिर 40 तथा 60 फिर 80 रूपए का शुल्क और अब 100 रुपए शुल्क लिया जाता था। मगर कस्बे में आबादी बढ़ने के कारण अब 1 दिन छोड़कर 100 रुपये मासिक शुल्क पर जल प्रदाय किया जा रहा है।

यह टंकी पुरानी होने के कारण टंकी की दीवारों से पानी का रिसाव होने लगा है कस्बे के वरिष्ठ पत्रकार जगराम विश्वकर्मा द्वारा कुछ वर्षों पूर्व लोक कल्याण/ जन समस्या निवारण शिविर में टंकी मरम्मत की मांग का आवेदन किया जाने के बाद लोक स्वास्थ यांत्रिकी (पी.एच.ई) के माध्यम से टंकी की मरम्मत कराई गई जिससे पानी का रिसाव बंद हो गया लेकिन वर्तमान में यह स्थिति पुनः हो रही है पूरी टंकी में दरारे नजर आने लगी है स्थिति यह है कि टंकी कभी भी दुर्घटनाग्रस्त हो जाने की आशंका व्यक्त की जा रही है केंद्र शासन की नल जल (जल जीवन मिशन) योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र काला दगड़ा फलिया में एक टंकी निर्मित की गई है ठेकेदार द्वारा कस्बे को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्र तथा पुलिस थाना क्षेत्र से आश्रम तक पाइप बिछा दिए गए तथा जल प्रदाय हेतु प्रायोगिक क्रिया प्रारंभ की जाए रही है। मगर कस्बे में जल प्रदाय हेतु पाइपलाइन नहीं डाली जा रही है ठेकेदार का कहना है कि जितना कार्य स्वीकृत था कर दिया है आगे का कार्य पी.एच.ई विभाग को देखना है पी.एच.ई विभाग के जवाबदार कोई जवाब नहीं दे रहे हैं इन दोनों के बीच कस्बे के जल उपभोक्ता फंसे हुए हैं लगभग 5-6 माह पूर्व नल कनेक्शन हेतु कस्बे से जल उपभोक्ताओं से घर-घर जाकर आधार कार्ड आदि एकत्र करके कर्मचारी ले गए तो अब जल आपूर्ति क्यों नहीं की जा रही है विचारणीय है प्रशासन को त्वरित ध्यान देना जरूरी माना जा रहा है।

इनका कहना है

आम्बुआ में लगभग 40-42 साल पूर्व टंकी बनी थी जो कि कभी भी गिर सकती है।

टंकी के पास रहने वाले चांद मोहम्मद मकरानी

टंकी बहुत पुरानी हो गई है कभी भी गिर सकती है जिससे हमारे तथा आसपास रहने वाले परिवार की जान को खतरा है।

खुजेमा भाई बोहरा

जब नई टंकी से कस्बे में पानी नहीं दिया जाना था तो आधार कार्ड क्यों एकत्र कर ले गए।

भरत माहेश्वरी वरिष्ठ भा.ज.पा कार्यकर्ता

Leave A Reply

Your email address will not be published.