4 माह से सचिव नहीं होने से ग्राम पंचायत के विकास कार्य रुके

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मयंक विश्वकर्मा@आम्बुआ

जिले की सबसे बड़ी पंचायतों में शुमार आम्बुआ ग्राम पंचायत पिछले लगभग 4 माह से सचिव के बगैर होने के कारण शासन के कई महत्वपूर्ण योजनाएं बन्द पड़ी होकर क्षेत्र का विकास कार्य ठप पड़ा होने के बावजूद प्रशासन की चुप्पी समझ से परे है।

विगत वर्ष ग्राम पंचायतों के चुनाव की घोषणा के कारण ग्राम पंचायतों में कार्यरत वे सचिव जिनका कार्यकाल 3 साल से अधिक था को प्रशासन ने स्थानांतरित कर दिया था। आम्बुआ में जिस सचिव की पदस्थापना की गई थी बताते हैं उसने आने से मना कर दिया सूत्र तो यहां तक कह रहे हैं कि उस सचिव ने यहां तक कह दिया कि वह आम्बुआ पंचायत का चार्ज नहीं लेगा, भले ही शासन-प्रशासन उसे सस्पेंड कर दे ।

प्रशासन ने कुछ सख्ती दिखाई तो सचिव एक दिन के लिए आम्बुआ ग्राम पंचायत आया तथा जॉइनिंग की मगर चार्ज नहीं लिया l पंचायत का चार्ज आज भी पूर्व सचिव के पास है। सचिव के नहीं होने से अनेक विकास कार्य रुके पड़े हैं क्योंकि  भुगतान आदि के आहरण हेतु सचिव के हस्ताक्षर जरूरी है सचिव के नहीं आने से वर्तमान में आयुष्मान कार्ड बनाने तथा जल संरचनाओं की मरम्मत गहरीकरण आदि के कार्य नहीं हो रहे हैं। यहां पर एक पुलिया, खरंजा तथा कई स्वीकृत कार्य नहीं हो पा रहे हैं। पंचायत की दुकानों का किराया देने आने वाले दुकानदार तथा अन्य तरह के टैक्स भवन निर्माण की स्वीकृति आदि अनेक कार्य रुके पड़े हैं। पंचायत क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट लगभग 50% से अधिक बंद पड़ी है जिसके लिए ऐलोजन, बल्ब, वायर आदि खरीदना है जो कि नहीं किया जा रहा है। सचिव के अलावा यहां कई वर्षों से रोजगार सहायक भी नहीं है इतनी व्यवस्था के बावजूद जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं होना जन चर्चा में बना होकर समझ से परे दिखाई दे रहा है। नागरिकों द्वारा अतिशीघ्र जनसुनवाई तथा 181 पर शिकायत भेजने की तैयारी की जा रही है।

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