संसार में कोई किसी का नहीं होता है, न परिवार न रिश्तेदार : पं. शिवगुरु शर्मा

0

मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

यह संसार बहुत ही मतलबी हैं, यहां सब अपना भला चाहते हैं किसी को किसी की फ़िक्र नहीं हो ती है,न, परिवार और न ही नाते रिश्तेदार और न ही यह संसार किसी का होता है।

उक्त विचार आम्बुआ में साप्तदिवसीय श्री मद्भागवत कथा के दौरान व्यास पीठ पर विराजमान उज्जैन उन्हैल से पधारे पं० शिवगुरु शर्मा द्वारा व्यक्त करते हुए आगे बताया कि एक हाथी जो कि परिवार के साथ सरोवर में पानी पीने गया जहां पर उसके पांव को मगर ने पकड़ लिया तब उसने पहले परिवार को पुकारा मगर कोई नहीं आया तब उसने नारायण भगवान को पुकारा श्री नारायण भगवान तत्काल भगत के पास पहुंचे तथा मगर का शीश काट कर गजराज तथा मगर दोनों का उद्धार किया।

आगे पंडित जी ने समुद्र मंथन की कथा तथा उससे निकले जहर को शिवजी द्वारा पान करने आगे मंथन में निकले अमृत कलश से देवताओं को भगवान नारायण द्वारा पिलाने की कथा के बाद बावन भगवान की कथा जिसमें राजा बलि से तीन पग भूमि दान में मांगने की कथा विस्तार से बताई। इसके बाद भगवान श्री राम की जन्म कथा संक्षिप्त में सुनाने के बाद माखन चोर भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को विशाल रूप मनाया गया ,मटकी फोड़ कर तथा माखन मिश्री लुटा कर मनाया जन्मोत्सव के भगवान कृष्ण को नंदबाबा के घर पहुंचाया गया जहां पर भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं की कहानी राक्षसों का विभिन्न प्रकार से उद्धार कालिया नाग का मानमर्दन के बाद माखन चोरी तथा ओखल लीला जिसमें जय विजय का उद्धार, आगे अक्रूर जी द्वारा कृष्ण को मथुरा लेजाना जहां पर मामा कृष्ण का उद्धार की कथा।  कृष्ण जन्मोत्सव पर पूरा पांडाल मस्ती में आकर झूम उठा । आज की कथा आलीराजपुर विधायक तथा केबीनेट मंत्री श्री नागरसिंह चौहान जिला भाजपा अध्यक्ष श्री मकुपरवाल तथा बड़ौदा आंणद,जावरा रतलाम, गोधरा,लीमडी,हालोल नीमच इंदौर, देवास, बड़ीसादड़ी दाहोद,रंधीपुर, आदि स्थानों से सैंकड़ों भागवत प्रेमियों ने कथा अमृत पान किया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.