शिव की कथा व्यथा मिटाती है, वह त्याग सिखाती है: पंडित शैलेंद्र शास्त्री 

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

जो सबका कल्याण चाहता है वह शिव है जो त्याग का संदेश देता है वह शिव है शिवजी त्याग की मूर्ति है जो सब त्याग कर वीराने में बैठता है दुनिया जिसको त्याग  दे वह शिव अपना लेता है वह अमृत का त्याग कर जहर को पीता है वह शिव है शिव सत्य है शिव सुंदर है शिव की कथा उन्हें मिलती है जिनके पूर्वजों ने कोई पुण्य कर्म किए होते हैं।

            उक्त उद्गार आम्बुआ में शंकर मंदिर प्रांगण में आयोजित हो रही महा शिव पुराण कथा के प्रथम दिवस व्यास पीठ पर विराजमान पंडित शैलेंद्र शास्त्री ने व्यक्त करते हुए आगे कहा की कथा सुनने के पांच नियम है जिसमें ज्ञान, ध्यान, स्थान, गुणगान तथा कान प्रमुख है यानी की कथा सुनने का ज्ञान होना चाहिए कथा में मन लगे ऐसा ज्ञान होना चाहिए कथा में भागवत गुणगान होना चाहिए कथा का स्थान अच्छा हो जहां बैठकर कथा सुनी जाए और सुनने वाले के कान कथा सुनने में लगे रहे जीवन में एक लक्ष्य होना चाहिए कि हमें कथा सुनना है शिव कथा व्यथा को मिटाती है इसी लिए कहा जाता है कि एक लोटा जल सारी समस्याओं का हल। कथा विभिन्न प्रकार की वर्णित है जैसे राम कथा हमें जीना तथा शुभ आचरण करना सिखाती है, तो भागवत कथा मरना सिखाती है की मृत्यु समीप हो तो उसे कैसे सुधारा जाए कथा सुनकर मृत्यु को मंगलमयी कैसे बनाया जाए? यह भागवत सिखाती है जीवन में कल्याण और सुख चाहते हो तो भजन करो शिवजी ने भी श्री राम का भजन किया था भगवान शिव ने स्वयं पार्वती जी से कहा था कि  मेरा अनुभव है कि भजन बिना सब सपने के समान है।

              आगे श्री शास्त्री जी ने बताया शिव महापुराण की कथा सूतजी ने सोणकादिक ऋषियों को प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर सुनाई उन्होंने बताया कि शिव कथा  श्रद्धा और विश्वास की कथा है श्रद्धा पार्वती तथा विश्वास शिवजी है ज्ञान कहीं से भी मिले बगैर उच नीच देखे लेना चाहिए सूतजी  भले ही सूद्र थे मगर ज्ञानी होने से उनके सामने ब्राह्मण मुनि संत भी नीचे बैठकर कथा सुनते थे आगे कथा में बताया गया की माता-पिता गुरु का सम्मान होना चाहिए  यह समय श्राद्ध पक्ष का चल रहा है पुत्रों को अपने पितरों का श्राद्ध तो करना ही चाहिए अगर नहीं कर सकते तो उन्हें याद जरूर करना चाहिए कथा में आगे आपातकाल में धीरज, धर्म, मित्र, नारी की पहचान का वर्णन किया आगे नरसिंह मेहता के पिता का श्राद्ध भगवान कृष्ण द्वारा किए जाने की कथा तथा समाज को सुधारने में कथाकार, पत्रकार और कलाकार के योगदान का वर्णन किया किस तरह यह समाज में अपने कार्यों द्वारा समाज का उत्थान कर सकते हैं।

          महाशिवपुराण कथा का आज प्रथम दिवस होने से कथा पूर्व पोथी की शोभायात्रा के साथ देवी शक्तियों द्वारा सर पर कलश धारण कर निकाली गई कथा के प्रथम दिवस यजमान का दायित्व खंडेलवाल परिवार द्वारा उठाया गया महाशिवपुराण कथा सर्व हिंदू समाज द्वारा आयोजित की जा रही है महिला मंडल का विशेष सहयोग मिल रहा है।

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