मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ
हम भगवान का पूजन अर्चन करते हैं मंदिर में जाकर हम भगवान के सामने आंख बंद करके हाथ जोड़ कर खड़े हो जाते हैं हमें भगवान के सामने आंख बंद करके नहीं खड़ा होना चाहिए वल्कि भगवान के विग्रह को अपने मन में वसा लेना चाहिए।

उक्त विचार आम्बुआ में माहेश्वरी परिवार द्वारा आयोजित श्री मद्भागवत कथा में व्यास पीठ पर विराजमान पं० शिवगुरु शर्मा ने व्यक्त करते हुए आगे बताया कि यदि भगवान के लिए एक कदम चलते हैं तो वह दस कदम आगे आता है, जीवन में भजन का महत्व है, थोड़ा थोड़ा भजन करते रहना चाहिए,जिससे भगवान मिल जाएं गे जब भगवान मिल जाएं गे तो उसके बाद किसी बात की जरूरत नहीं होगी,लोग देवताओं को ढूंढते हैं वे देवताओं में सुख तलाशते है।
