बारिश की प्रार्थना करने वाले अब बारिश थमने की प्रार्थना कर रहे हैं…

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मयंक विश्वकर्मा@ आम्बुआ
पिछले महीने एक-दो दिन हल्की वर्षा के बाद ही बारिश रुक जाने के कारण कृषक परेशान होकर शीघ्र वर्षा होने की प्रार्थना की जाने लगी थी लगभग 15 दिनों से भी अधिक दिनों बाद उनकी प्रार्थना ऊपर वाले ने सुनी तथा बारिश जो प्रारंभ हुई तो थमने का नाम नहीं ले रही है जो लोग बारिश होने की प्रार्थना कर रहे थे वहीं अब बरसात थमने की प्रार्थना कर रहे हैं
जैसा की विदित है कि आषाढ़ माह बारिश होने का महीना माना जाता है कई बार जेढ माह (जून) में भी वर्षा हो जाती है इस वर्ष भी जून में वर्षा प्रारंभ तो हुई मगर शीघ्र ही थम गई यह ऐसी थमी की 15-20 दिन तक पुनः लौट कर वापस नहीं आई प्रथम वर्षा के बाद कई कृषकों ने खेतों में बीज बो दिए जो कि वर्षा की खेच के कारण खराब हो गए कुछ दिनों बाद फिर वर्षा हुई और रुक गई कृषकों ने पुनः बुआई कर दी इसके बाद बीज अंकुरित होने के बाद वर्षा नहीं होने से कृषक चिंतित हो गए तथा वर्षा होने की प्रार्थना करने करते नजर आए पानी के लिए उन्हें अनेक टोने टोटके के साथ ही पूजा प्रार्थना भी की गई तब कहीं जाकर 15-20 दिनों बाद जो बारिश प्रारंभ हुई तो विगत 15 दिनों से भी अधिक समय से कभी तेज तो कभी रिमझिम वर्षा हो रही है रिमझिम वर्षा के कारण ग्रामीण तथा कस्बा क्षेत्र के जलाशयों में जलस्तर बढ़ा है साथ ही कीचड़ की समस्या भी खड़ी हो गई है धूप नहीं निकलने के कारण खेतों में खरपतवार में वृद्धि हो रही है खेतों में पानी का भराव होने से कई खेतों में फसलें सड़ने की कगार पर पहुंच जाने से कृषक चिंतित है पहले खाद बीज खराब हो गए और अब फसलें सड़ने की स्थिति में पहुंच रही है कृषक अब वर्षा की प्रार्थना कर रहे हैं ताकि फसलों को बचाया जा सके।
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