मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ
विगत दस दिनों से क्षेत्र में शारदीय नवरात्र के आयोजन चल रहे थे जिसमें घटस्थापना तथा मांताजी की मूर्तियों की स्थापना के साथ पूजा अर्चना एवं गरबा रास के आयोजन के बाद दसवें दिन विशाल जुलूस के साथ मूर्तियों तथा जवारों एवं घटों कि विसर्जन किया गया।

मिली जानकारी अनुसार आश्विन मास में मनाए जाने वाले शारदीय नवरात्र का हिंदू सनातन धर्म में विशेष महत्व होता है,घट स्थापना के साथ ही निजी एवं सार्वजनिक रूप से गरबा पांडालों में नवदुर्गा स्वरूपा माताजी की मूर्तियों को स्थापित किया जाता है जहां पर नौ दिनों तक पूजा अर्चना तथा गरबा रास का आयोजन किया गया, आम्बुआ में चार स्थानों पर यह आयोजन किए गए ,इस बार नौ की बजाय दस दिनों के नवरात्र रहे ,इन दिनों में माताजी की पूजा अर्चना के साथ पांडालों में गरबा नृत्य की धूम रही , हालांकि बीच में बारिश ने कुछ खलल ज़रूर डाला मगर आयोजन सफलता पूर्वक संपन्न हुआ,आज 2 अक्टूबर को क़स्बे में विशाल जुलूस के साथ हथिनी नदी में घट एवं जवारों के साथ ही माता जी की मूर्तियों का विसर्जन पूजा अर्चना एवं आरती पश्चात किया गया, आयोजन को सफल बनाने में सभी सनातनी हिन्दू धर्मावलंबियों का तन मन धन से सहयोग प्राप्त हुआ, आयोजन समिति द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया है।
