मयंक विश्वकर्मा@ आम्बुआ
चार पहिया वाहन वह भी जीप जैसा वाहन पहले कमांडर जीप जिसमें यात्री वाहन की तरह सवारियां ढोई जाती रही और अब तूफान जीप जो कि तूफान की गति से सवारिया ही नहीं अपितु लगेज भी इतना कि देखने वाले अचंभित होकर दांतो तले उंगली दबाने को मजबूर हो जाए। ये यमदूत के शक्ल में सरपट दौड़ते वाहन क्या प्रशासन की नजरों में नहीं आते?
यात्री बसें चलाने हेतु परमिट फिटनेस सर्टिफिकेट चालक परिचालक हेतु लाइसेंस तथा यूनिफॉर्म लेकिन जीपो तथा ऑटो रिक्शा मैजिक आदि के लिए यह सब नहीं चाहिए होता है तभी तो यह वाहन बे-रोक टोक सड़कों पर फर्राटे भरते हुए पुलिस चौकियों, थानों तथा यातायात विभाग के दफ्तरों के सामने से कर्कश हांर्न और कभी-कभी सायरन जैसी आवाज निकालते हुए निकल जाते हैं। और कोई कार्यवाही होती हो तो पता नहीं।
कुछ वर्षों पूर्व कमांडर नाम की जीप हालांकि अभी भी कुछ स्थानों पर दौड़ रही है मैं 70 से 80 सवारियां अंदर और बाहर अलग साथ ही बोनट पर सवारियों के साथ लगेज रखकर ड्राइवर एक तरफ आधा लटका हुआ सैकड़ों जिंदगी के साथ खिलवाड़ करता देखा जाता रहा, और अभी देखा जा सकता है।
अब कमांडर का जमाना कुछ कम हुआ और सड़कों पर तूफान नाम की जीप तूफान मचाने आई जैसा नाम वैसा काम भी वाहन की चाल तूफानी के साथ-साथ अंदर बेहिसाब सवारिया तथा छत पर इतना सारा लगेज कि किसी छोटे ट्रक या बस की छत भी छोटी पड़ जाए सामान के साथ दो पहिया वाहन साइकल नहीं मोटरसाइकिल एक नहीं दो दो, तीन तीन सामान के साथ बंधी देखी जा सकती है यह नजारा तब देखने को मिलता है जब मजदूर या तो गुजरात जाते हैं या वहां से वापस अपने घरों को आते हैं। ऐसे यमदूत के समान चलने वाले ये वाहन यात्रा कर रहे यात्रियों ही नहीं अपितु सड़क पर पैदल दो पहिया या चार पहिया वाहनों वाले यात्रियों की जिंदगी से खिलवाड़ करते नजर आते हैं कई ऐसी जीपें जिनके नंबर प्लेट पर पूरे नंबर नहीं वह भी सवारिया ढोकर दौड़ती है यदि यह दुर्घटना कर भाग जाए तो इन्हें किस आधार पर पकड़ा जा सकता है अब प्रश्न यह उठता है कि यह यमराज के वाहन क्या किसी थाने पुलिस चौकी और यातायात थाना तथा आरटीओ कार्यालय के सामने से नहीं गुजरते होंगे? सड़क पर सरपट दौड़ते समय क्या किसी प्रशासनिक अधिकारी की नजर नहीं पड़ती होगी? तो फिर कार्यवाही क्यों नहीं होती? क्यों लोगों की जिंदगी से खेलने की छूट इन्हें दी जा रही है? इन वाहनों के चालकों के चालकों में कई बगैर लाइसेंस तो होते ही हैं वाहनों के कागजात भी पूरे होंगे यह भी कहा नहीं जा सकता, साथ ही कई चालक अव्यस्क भी देखे जा सकते हैं जो कि सवारियां भरकर सड़क पर वाहन चलाते हैं। यह वाहन यात्री बसों के आगे आगे सवारियां भरते जाते हैं तथा यात्री वाहन चालक परिचालको से जब तक तू तू मैं मैं करते रहते हैं क्योंकि यह वाहन उनके होते हैं जो इन क्षेत्रों में रहते हैं जहां से बसें भी गुजरती है इनसे बस मालिक तथा चालक परिचालक परेशान होते रहते हैं।