मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ
कस्बा आम्बुआ में पशुपालकों की उदासीनता के कारण अनेक गौवंश आवारा घूमने को मजबूर जो कि बाजार में गौ माता मान कर रोटियां दे देते हैं। इसके बाद वे बाजार में पड़ा कचरा प्लास्टिक आदि खाने को मजबूर हो रहे हैं। जिसमें कई बार कीलें आदि भी पेट में चली जाती है यही सब इन की मौत का कारण बनती है। रविवार को भी एक गाय की मौत बालक प्राथमिक विद्यालय परिसर में हो गई। सूचना मिलने पर विजय (बबलू) रावत तथा कुछ युवाओं ने मिलकर जे.सी.बी की मदद से गौमाता का अंतिम संस्कार किया गया।
