गांव में ही पुराने भवन को गिराकर नई बिल्डिंग बनाने की मांग उठी, ज्ञापन सौंपा

मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

शासकीय कन्या हाईस्कूल बोरझाड़ के लिए नया भवन गांव से दो किमी दूर चरनोई की भूमि पर बनाया जा रहा है। इसे लेकर ग्रामीण विरोध में उतर आए हैं। उनका कहना है कि पुराने भवन को गिराकर उसी स्थान पर नया भवन बनाया जाए। दो किमी दूर जाने में छात्राओं को असुविधा होगी, वहीं असुरक्षा का भय भी बना रहेगा। ग्राम पंचायत भी दो किमी दूर भवन बनाने के विरोध में ठहराव प्रस्ताव पारित कर चुकी है, बावजूद नई जगह काम प्रारंभ कर दिया गया है। 

शासकीय कन्या हाईस्कूल का भवन जीर्णशीर्ण हो चुका है। इसे देखते हुए शासन ने नया भवन बनाने के लिए 1.47 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। प्रशासन ने नए भवन के लिए ग्राम से करीब दो किमी दूर भूमि आवंटित की है। यहां नई बिल्डिंग बनाने के लिए काम भी प्रारंभ कर दिया गया है। ग्रामीण इसके विरोध में हैं। ग्राम पंचायत ने भी पिछले दिनों ठहराव प्रस्ताव पारित किया था कि नया भवन पुरानी बिल्डिंग को हटाकर उसके स्थान पर ही बनाया जाए। इसके बाद भी विभाग ने इस पर संज्ञान नहीं लिया। 

ग्रामीणों का कहना है कि शासकीय कन्या हाईस्कूल में बोरझाड़ व आम्बुआ सहित आसपास के ग्राम हरदासपुर, सेवड़, मोटाउमर, सेमलाया, अगौनी , आंबी, सीतगांव, बावड़ी, बड़ी इटारा, छोटी इटारा, गुड़ा, सागोटा, ढेकालकुआं आदि से बालिकाएं पढ़ने के लिए आती हैं। उक्त बालिकाएं विविध वाहनों में बोरझाड़ तक पहुंचती हैं। यदि विद्यालय दो किमी दूर बना दिया गया तो फिर बालिकाओं को बोरझाड़ से स्कूल तक पैदल ही जाना पड़ेगा। इससे परेशानी तो होगी ही, असुरक्षा का डर भी रहेगा। ऐसे में विद्यालय पुरानी बिल्डिंग को तोड़कर उसी जगह पर बनाया जाना चाहिए। उक्त मांग को लेकर ग्रामीणों ने अनुविभागीय अधिकारी जोबट के नाम एक ज्ञापन भी दिया है। 

जमीन का चयन करते समय अफसरों ने क्यों नहीं दिया ध्यान

मामले में सवाल उठ रहा है कि नया विद्यालय भवन बनाने के लिए जमीन का चयन करते समय अफसरों ने ध्यान क्यों नहीं दिया। अगर पुराने स्कूल की जगह पर ही नया भवन बनाया जाए तो इससे बालिकाओं को सुविधा होगी, वहीं पुराने स्कूल की भूमि का उपयोग भी हो सकेगा। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि अगर पुराने स्कूल भवन को ऐसे ही छोड़ दिया गया तो यहां अतिक्रमण पसर जाएगा। अतिक्रमणकर्ताओं की भी इस पर नजर है। इसलिए दो किमी दूर चयनित जमीन पर निर्माण तत्काल रोका जाए तथा पुराने स्कूल की जगह पर ही नए भवन की कार्ययोजना बनाई जाए।

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