ई-कचरा वाहन भंगार में तब्दील होकर बेकार पड़ा

मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

आम्बुआ ग्राम पंचायत को कोरोना काल में एक ई-रिक्शा कचरा वाहन जिला जनपद से दिया गया था इस वाहन की स्थिति यह रही कि यह कस्बे में कचरा भरकर तो ठीक मगर यह खाली ही चढ़ाव पर नहीं चढ़ सका सफाई कर्मियों ने कई बार प्रयास भी किया मगर जब सफलता नहीं मिली तो एक और पटक दिया आज वह बेकार होकर पड़ा है।

          मिली जानकारी के अनुसार कस्बे में सफाई हेतु एक ई कचरा वाहन (रिक्शा) दिया गया था जिसे बैटरी चार्ज कर चलाया जाना था जब यह वहान पंचायत में आया तो सफाई कर्मी खुश हो गए कि अब उन्हें हाथ ठेला में कचरा उठाने की मेहनत नहीं करना पड़ेगी मगर जब इस वाहन को बाजार में खाली चलाया गया तो यह हल्की ऊंचाई वाली सड़क पर खाली स्थिति में ही नहीं चढ़ सका कई बार प्रयास के बाद थक हार कर इसे स्वास्थ विभाग के सामने एक स्थान पर रख दिया गया जो कि आज भंगार की हालत में बेकार पड़ा है।

        बताते हैं कि इस ई रिक्शा की क्षमता इतनी नहीं है कि इसमें भारी कचरा ढोया जा सके, जब यह खाली सड़क पर नहीं दौड़ सकता तो भार कैसे ढोएगा? घटिया स्तर का यह वहान अपनी घटियापन की कहानी कह रहा है तथा सफाई कर्मी आज भी हाथ ठेला गाड़ी में कचरा भर कर ले जा रहे हैं जिस कारण संपूर्ण क्षेत्र में सफाई नहीं होने से विभिन्न स्थानों जैसे बोहरा मस्जिद क्षेत्र ,श्री राम मंदिर क्षेत्र, कुम्हार वाड़ा,वार्ड क्रमांक 4 एवं 5 आदि में स्थान स्थान पर कचरे का अंबार देखा जा सकता है क्योंकि सफाई कर्मी छोटी हाथ ठेला गाड़ी में कितना कचरा उठा सकेंगे विशेष कर जब नालियों की सफाई होती है जब गीला कचरा कीचड़ उठाने में भारी मशक्कत करना पड़ती है प्रशासन को आम्बुआ कस्बे हेतु भारी कचरा वाहन उपलब्ध कराना जरूरी माना जा रहा है जिससे कस्बे में सफाई रह सके और प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत का सपना साकार हो सके।

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