मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ
कस्बे के रहवासी क्षेत्र के नजदीक विगत वर्षों से ईंट भट्टों की संख्या में भारी वृद्धि देखी जा रही है, इनसे क्षेत्र में फैल रहे प्रदूषण के कारण क्षेत्र के निवासी परेशान हो रहे हैं, विशेष कर स्कूल के बच्चे तथा नमाज पढ़ने तथा मंदिर जाने वालों के साथ ही सांस संबंधी बीमार अधिक परेशान हो रहे हैं, अनेकों बार प्रशासनिक स्तर पर शिकायतों के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होती है। परेशान नागरिकों ने पुनः जनसुनवाई में आवेदन दे कर भट्टों को रहवासी क्षेत्र से बाहर करने की मांग की है।
क़स्बे क्षेत्र में विगत वर्षों से अनेक ईंट व्यावसाई आ कर ईंट बनाने तथा उन्हें पका कर बेचने का कार्य कर रहे हैं जिनके पास उचित अनुमति प्रमाण पत्र तक नहीं है। प्रशासन के रहमो करम पर चल रहे ये भट्टे इंसानों के जान के दुष्मन बने हुए हैं। ईट पकाते समय जो कोयला उपयोग किया जाता है उससे निकलने वाला धुआं तथा बदबू से क्षेत्र के रहवासी जिनमें सांस के मरीज तो समीप स्थित प्राथमिक विद्यालय के नौनिहालों के साथ ही शिक्षक शिक्षिकाओं तथा मध्यान्ह भोजन बनाने वाले आदि के साथ ही समीप स्थित बोहरा मस्जिद में नमाज अदा करने वाले, तथा सुबह सुबह भ्रमण करने वाले एवं शिवमन्दिर,राम मंदिर हनुमान मंदिर, अम्बे माता मंदिर जाने वालों को भारी परेशानी हो रही है, समीप स्थित घरों की छतों तथा दीवारें तक काली पड़ने की जानकारी मिली है।
