इस कलयुग में आप ने 24 घंटे में से 24 मिनट भी भगवान को दे दें तो कल्याण हो जायेगा : पं. शिव गुरु शर्मा

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

इस संसार में पैसा जरूरी है मगर पैसा सब कुछ नहीं होता, पैसे से बिस्तर खरीदा जा सकता है मगर नींद नहीं खरीदी जा सकती है, यानि कि पैसे से आराम चैन नहीं मिल सकता।

कथा में आगे व्यास पीठ से पंडित जी ने बताया कि भगवान कृष्ण की रूक्मणी से विवाह के बाद सतराजू नामक ब्राह्मण ने मणी चोरी का आरोप लगाया उस मणि को प्राप्त करने के लिए जामवंत से युद्ध किया तथा उसकी पुत्री जामवंती से विवाह किया, इसके बाद कालिंदी,मित्र वृंदा सत्या,लक्षणा आदि के उपरांत भोमासुर को कैद से सोलह हजार एक सौ एक कन्याओं को छुड़ा कर उनसे विवाह किया,इस प्रसंग में मेरे आंगन की गुड़िया का विदाई गीत ऐसा सुनाया कि पांडाल में उपस्थित सभी की आंखें नम हो गई ।

कथा में आगे बताया कि कौरव पांडव के युद्ध का प्रमुख कारण द्रोपदी द्वारा कौरवों का परिहास बना पांडव कौरवों के बीच जुआ खेलना तथा उसमे द्रोपदी को हार जाते हैं तब कौरवों द्वारा चीरहरण का प्रयास और भगवान श्री कृष्ण द्वारा साड़ी बढ़ाने की कथा के बाद नंदबाबा मां यशोदा तथा राधा एवं सखाऔ का मिलन के बाद भगवान श्री कृष्ण के पुत्रों द्वारा आपस मैं युद्ध कर परिवार के अंत की कथा का विवरण सुनाते हुए आगे राजा पारीक्षित का उद्धार की कथा के कथा में भगवान श्री कृष्ण के सखा सुदामा की कथा विस्तार से सुनाई , तथा कृष्ण जी के पांव में बहेलिया द्वारा तीर मारना, तथा उनका गौलोक गमन की कथा सुनाई। कथा में गीता जी के महत्व पर प्रकाश डाला गया, कथा विश्राम के समय व्यास पीठ से सभी को आशीर्वाद दिया। कथा समापन पर आभार निर्मल सोमानी ने माना। कथा समापन के बाद पोथी की पूजा कर नगर भ्रमण कराया गया।

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