आम्बुआ में चुनौतियां अपार, नए थानेदार…क्या कर पाएंगे पार..?

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मयंक विश्वकर्मा@ आम्बुआ

आम्बुआ कस्बा जो कि सामाजिक राजनीतिक तथा धार्मिक क्रियाकलापों का केंद्र बिंदु रहा है यहां पर इस क्षेत्र में अनेक चुनौतियां हर समय मुंह बाए खड़ी रहती है पुलिस थाने पर पदस्थ रहे पूर्व थाना प्रभारियों में से कई ने अपनी सूझबूझ से इन समस्याओं को हल किया समायोजन किया, तो कई इसमें कामयाब नहीं हो सके और अन्यन्य रुखसत हो जाना पड़ा, अब नए थाना प्रभारी को प्रशासन ने पदस्थ किया है जिन्होंने अपना कार्यभार भी संभाल लिया है इन चुनौतियों को कैसे निभाते हैं यह वक्त बताएगा।

आम्बुआ में थाना प्रभारी विकास कपीस के बाद आए भूपेंद्र खरतिया जिन्होंने अपना एक वर्ष का कार्यकाल अपने तरीके से पूर्ण किया, राजनीतिक दृष्टि से वे राजनीतिक पार्टियों के रडार पर रहे और शायद यही कारण था कि वे अल्प समय में यहां से विदा हो गए। उनके बाद आम्बुआ थाने का प्रभारी श्री योगेंद्र सजोतिया को बनाया गया उन्होंने जून 2021 को पदभार ग्रहण किया था तथा विधानसभा उप चुनाव संपन्न होने के बाद उन्हें भी अल्प समय में लाइन हाजिर होना पड़ा कारण क्या रहे यह विभागीय प्रशासन को पता होगा। अब उनके स्थान पर पुलिस लाइन से थाना प्रभारी के रूप में श्री दिलीप सिंह चंदेल ने कार्यभार संभाला है उनके सामने भी नई पुरानी चुनौतियां हैं जिनमें राजनीतिक कार्यकर्ताओं में सामंजस्य बैठाना। पुलिस की हमराशि पत्रकारों के साथ समन्वय बैठाने के साथ-साथ कस्बे की यातायात व्यवस्था जिसके लिए थाने पर होने वाली सुरक्षा तथा शांति समितियों की बैठकों में सदस्यों ने बार-बार मांग रखी थी कि बस स्टैंड पर जवानों की तैनाती की जाए, जीप मैजिक ऑटो रिक्शा आदि की व्यवस्था बस स्टैंड से अलग की जाए, अव्यस्क वाहन चालकों पर अंकुश लगाया जाए, वाहनों में क्षमता से अधिक सवारियों पर निगरानी तथा हाट बाजार के दिन दोपहिया वाहनों पर अधिक सवारियां बैठा कर बाजार में दौड़ाने पर प्रतिबंध की मांग को अभी तक नजर अंदाज किया जाता रहा है।

कस्बे में सबसे बड़ी चुनौती जुआ सट्टा तथा अवैध शराब बिक्री पर अंकुश लगाना रहा है जो कि अभी तक कोई भी थाना प्रभारी अंकुश लगाने में कामयाब नहीं पाया है क्या अब अंकुश लगा सकेगा। यातायात में कई यात्री वाहन जिनका स्टॉपेज आम्बुआ बस स्टैंड पर होने के बावजूद वे कस्बे से बाहर हो कर चले जाते हैं जिस कारण सर्दी बरसात और गर्मी में यात्रियों को परेशानी होती है विशेषकर वृद्ध बीमार तथा छोटे बच्चे अधिक परेशान होते हैं ऐसी अनेक चुनौतियों हैं जिन्हें पदस्थ थाना प्रभारी आगामी समय में निपटा सकेंगे ऐसी जनमानस की भावना है।

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