आमखूंट के गोतर माता मंदिर मंडार माता मंदिर पर चढ़ाई ध्वजा, दो दिवसीय कार्यक्रम हुए 

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आलीराजपुर। प्रकृति के मध्य घने जंगल व पहाड़ पर विराजित अति प्राचीन आदिवासी समाज की कुलदेवी गोतर माताजी मंदिर पर चेत्र नवरात्रि के अवसर पर भजन कीर्तन आरती और महाप्रसादी का आयोजन किया गया। 

जिले के आमखूंट के मंडार माता मंदिर पर दो दिवसीय इस कार्यक्रम में आदिवासी समाज के लोगों ने कुलदेवी के मंदिर पर ध्वज चढाया। रता में सत्संग का कार्यक्रम आयोजित किया। जिसके बाद भजन कीर्तन किए गए। झाबुआ के महेश शर्मा, खुमसिंह महाराज , शंकर बामनिया, मुकाम सिंह डावर,  चतरसिंह मण्डलोई ने कार्यक्रम को सम्बोधित किया।

भील सेना संगठन के संस्थापक व समाजसेवी शंकर बामनिया ने आदिवासी समाज मे चल रहे धर्मान्तरण को लेकर कहा कि आदिवासी समाज मे धर्मान्तरण का खेल जोरों पर चल रहा है। यहां इस क्षेत्र मे ईसाई मिशनरी के लोग हमारे समाज के लोगों का धर्मान्तरण लालच देकर  करा रहे हैं। हम आदिवासी समाज में पैदा हुए हैं हम भगवान को पूजने वाले लोग हैं। उन्होंने कहा धरती माता को पूजने वाले लोग है अगर धर्मान्तरण कर लिया तो हम हमारे खतरिज को कैसे पूजेंगे, बाबा देव को कैसे पूजेंगे। हमारी आने वाली पीडी बर्बाद हो जाएगी। इसलिए धर्म के साथ रहो धर्म बचेगा तो हम बचेंगे। कार्यक्रम में झाबुआ के महेश शर्मा ने कहा कि धर्म के साथ कभी समझोता नहीं करना चाहिए। हमारा हिन्दू धर्म ही एक ऐसा धर्म है जिसमें हम गाय को भी अपनी मां कहते हैं। हम उसकी भी पूजा करते है हम धरती माता की पूजा करते है इसलिए किसी मिशनरी लोगो के बहकावे में नहीं आना है, धर्मान्तरण नहीं करना है । खुमसिंह महाराज ने भी धर्मान्तरण के खिलाफ जमकर हमला बोला और कहा कि इस आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में धर्मान्तरण का खेल चल रहा है इसलिए हमने आदिवासी समाज को एक करने के लिए इस मंडार माता मंदिर पर कार्यक्रम आयोजित किया। जिसमे आदिवासी समाज की कुलदेवी के मंदिर पर ध्वज निशान चढ़ाकर भजन कीर्तन और सत्संग का कार्यक्रम आयोजित करवाया। जिसके बाद श्रम दान किया गया। इस दौरान हरसिह मेहडा पुर्व सरपंच नरतम डावर राजेश डावर नवल मेहडा केन सिह राजेश डावर मंत्री पेरु भाई सरपंच भय्यु चौकीदार टीनु मेहडा सहित आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे।

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