आदिवासी समाज ने माना आभार,जिले में रही विश्व आदिवासी दिवस की धूम, प्रतिवेदन का हुआ वचन आगामी समय के लिए बनी कार्ययोजना
अलीराजपुर:- मध्यप्रदेश के पश्चिम क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य जिले अलीराजपुर में प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी विश्व आदिवासी दिवस सम्पूर्ण जिले के प्रत्येक गाँव, कस्बे,ब्लॉक, तहसील एवं जिला मुख्यालय पर बड़े धूमधाम से आदिवासी समाज द्वारा विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया,विभिन्न प्रकार के आयोजन किये गए और आदिवासी समाज की रीति-रिवाज,परम्पराओं को बचाने का संकल्प लिया गया।
जिला स्तरीय आयोजन आम्बुआ में हुआ,जिसमें सम्पूर्ण जिले के विभिन्न क्षेत्र से आये आदिवासी समाज के सगाजन जाति-वर्ग-पार्टी भेद से ऊपर उठकर आयोजन में शामिल हुए।
जिला स्तरीय कार्यक्रम आम्बुआ के अलावा आदिवासी समाज द्वारा बड़े स्तर पर कार्यक्रम मथवाड, रोशिया-सोण्डवा,कट्ठीवाड़ा सहित गांवों-गांवों विश्व आदिवासी दिवस को आदिवासी संस्कृति के अनुरूप परम्परागत रूप से मानकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
आम्बुआ में सर्वप्रथम गांव के पटेल पुजारा तथा कोर कमेटी के सदस्यों के द्वारा अपने इष्ट देव बाबादेव,भीलवट बाबा,धरती मया को नमन करते हुए, महामानव शिरोमणि रॉबिनहुड भगवान टंट्या भील मामा,धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा एवं डॉ0भीमराव अंबेडकर जी की छायाचित्र पर आदिवासी परम्परागत ,रीति रिवाज से पूजा पाठ तथा धार डाल कर सेवा जोहार अर्पित की गई।
सभा में बबिता सोंलकी के नेतृत्व में आशा चौहान, चेतना बघेल, सविता डावर, आयुषी रावत एवं श्रुति चौहान के द्वारा धरती वंदना प्रस्तुत की उपस्थित सभी सगाजनों ने खड़े होकर जल,जंगल,जीव-जंतु एवं मानव कल्याण के लिए धरती वंदना को दोहराते हुए पर्यावरण संरक्षण तथा पृथ्वी को बचाने का संकल्प लिया।
विश्व आदिवासी दिवस आयोजन समिति के अध्यक्ष अरविंद कनेश स्वागत भाषण देकर कार्यक्रम के सुचारू रूप से संचालन करने की घोषणा की।
जिला कोर कमेटी के प्रमुख सदस्य एवं आकास संगठन के जिला महासचिव भंगुसिंह तोमर ने आदिवासी समाज द्वारा पूरे वर्ष भर में समाजहित में जनकल्याणकारी किये गये रचनात्मक कार्यों का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है,ओर आगामी वर्षों में समाज द्वारा किये जाने वाले कार्यों के लिए वार्षिक कार्ययोजना प्रस्तुत की गई हैं।
कार्यक्रम को पूर्व से निर्धारिय विभिन्न सामाजिक,आर्थिक, राजनैतिक एवं आदिमधर्म सांस्कृतिक मुद्दों,समस्यायों, संवैधानिक हक-अधिकारों पर वक्ताओं ने अपनी-अपनी बात रखी गई।
आदिवासी समाज के वरिष्ठ शंकर भाई तड़वाल ने अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त राष्ट् संघ (यूएनओ) द्वारा घोषित विश्व आदिवासी दिवस की प्रारंभिक घोषणा से लेकर वर्तमान तक दिवस मनाये जाने की ऐतिहासिक जानकारी से अवगत करवाया गया।
आदिवासी कोटवाल समाज की ओर से युवा मूलसिंह बंडोडिया ने अपनी बात रखते हुए कहा कि आज भी आदिवासी कोतवाल समाज को देश की आजादी के 73 बीत जाने के बाद भी आदिवासी का वास्तविक कह नही मिल रहा है सबसे गरीब-पिछड़े कोटवाल समाज को अनुसूची जाति में रखा गया है, जिससें समाज की स्थिति बहुत ही दयनीय होती जा रही है।जब कोटवाल समुदाय आदिवासी समाज का सबसे पिछड़ी उपजाति हैं।
आजादनगर से आये बंसन्त अजनार ने क्रांतिकारी प्रेरणादायक गीत गा कर उपस्थित सगाजनों समाज को बचाने की प्रेरणा दी।
महिलाओं की वर्तमान स्थिति एवं परिदृश्य को लेकर पूर्व आदिवासी समाज महिला मंडल अध्यक्ष संगीता चौहान,साक्षी भयडिया एवं प्रगति मण्डलोई ने आदिवासी समाज में नारी शक्तियों के साथ होने वाले अत्यचार,उत्पीड़न,घरेलू हिंसा जैसे मुद्दों पर बात रखते हुये समाज के वरिष्ठों एवं जन प्रतिनिधियों को सुधारात्मक प्लान करने के लिए ध्यान आकर्षित करवाया गया है।
वर्तमान में आदिवासी समाज की स्थिति एवं उसके निदान पर शमशेरसिंह पटेल, आयोजन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष महेंद्र रावत,विक्रम सिंह चौहान ने अपनी बात रखी है।
आदिवासी समाज के लिए संविधान में संवैधानिक अधिकार एवं प्रावधान की जानकारी समाज के वरिष्ठ भीमसिंह मसानिया,डिप्टी कलेक्टर राकेश परमार ने दी।
महेश पटेल जिला कांग्रेस अध्यक्ष शासन प्रशासन को आड़े हाथ लेते हुए सरकार की कार्य प्रणाली को लेकर आदिवासी समाज के लिए सरकार की कथनी और करनी में अंतर बताया,समाज के उत्थान के लिए हमेशा साथ खड़े रहने की बात कही।
जयस राज्य प्रभारी मुकेश रावत ने वर्तमान राजनैतिक परिदृश्य विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा कि,सरकार युवाओं की आवाज को दबाने का काम कर रही है,सत्ता के नशे में युवाओं पर प्रशासन के ऊपर दबाव डाल कर झूठी एफआई आर,डराने धमकाने का काम करवा रही है, जिससें युवा डरने वाला नही है।आने वाले समय में उन्हें सबक सिखायेगी।
बेरोजगार युवा रमेश डोडवे ने वर्तमान शिक्षा की दयनीय स्थिति से अवगत कराते हुए कहा कि युवा जैसे तैसे अपने माता पिता रुपये खर्च करवा कर ,कर्जा लेकर पढ़ रहा है, परन्तु युवाओं के लिए सरकार के पास रोजगार का कोई भी प्लान नही है, युवा भटक रहा है।वर्तमान में शिक्षा के नाम पर बच्चों एवं पलकों को गुमराह किया जा रहा है।बिना परीक्षा के सभी छात्रों को पास कर जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
नितेश अलावा ने अपने जोशिले भाषण से समाज में जन जगरूकता एवं संवैधानिक अधिकारों के साथ ही समाज की एकजुटता बनाये रखने के लिए प्रेरित किया गया है।
समाज की प्रतिभाओं का हुआ सम्मान
आदिवासी समाज की प्रतिभाओं को जिला स्तरीय मुख्य कार्यक्रम में जिला कोर कमेटी एवं आयोजन समिति के द्वारा समाज में जनजागृति लाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाले प्रतिभा शाली व्यक्तित्व रोहित पडियार, दीपतेश्वरी गुथरिया,नीलेश डावर, भीमसिंह मसानिया, शंकर भाई तड़वाल, विनोद अजनार, रवि लोहारिया, डॉ0 आकांशा,दिव्या सिसोदिया, नानछिया दादा,भारत सस्तिया,मुकेश निंगवाल, छगनसिंह डावर, एवं दिनेश चौहान को सम्मानित किया गया है।
जिले के सभी क्षेत्रों से समाजजन अपने अपने गांव में उत्साह के साथ विश्व आदिवासी दिवस मना कर जिला स्तरीय कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। आदिवासी समाज ने प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से जिन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग किया हैं जिला प्रशासन, पत्रकार मित्रों,पुलिस प्रशासन सहित सभी का आभार व्यक्त किया हैं।
कार्यक्रम का संचालन कोर कमेटी के प्रमुख सदस्य केरम जमरा एवं रतन सिंह रावत ने किया।आभार आयोजन समिति के सचिव नानसिंह कनेश ने व्यक्त किया।इस अवसर पर आम्बुआ क्षेत्र के समाज के पटेल,पूजरा,तड़वी,कोटवाल,
सरपंच एवं वरिष्ठ बुद्धिजीवी मार्गदर्शक कर्मचारी-अधिकारी आदि उपस्थित रहे।