आदिवासी समाज के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने डॉ. नरेंद्र भयड़िया के नेतृत्व में सौपे ज्ञापन

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पियुष चन्देल, अलीराजपुर

रविवार प्रातः 9 बजे अलीराजपुर स्थित टंट्या मामा मुर्ति गाता स्थल पर आदिवासी समाज के विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी एकत्रित हुये, जहाँ टंट्या मामा की पूजा अर्चना कर वर्तमान मध्यप्रदेश सरकार की कैबिनट द्वारा 27/11/19 को लिए गये भूमि डायवर्सन के निर्णय को आदिवासीयो के विरुद्ध बताते हुवे कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में काम करने वाले सामाजिक संगठनों के द्वारा एक संयुक्त निर्णय लिया गया है, कि दिनांक 30/11/19 से दिनांक 05/12/19 तक सभी संगठन अपने अपने क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन के माध्यम से ज्ञापन देंगे, उसी कड़ी में कल इंदौर सँभाग में भी 20 से अधिक जगहों पर ज्ञापन दिए गए, वही अलीराजपुर में भी चंद्रशेखर आजाद नगर व जिला मुख्यालय पर कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन दिया गया और आज अपने अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को भी ज्ञापन दिया गया। ये ज्ञापन केवल मध्यप्रदेश में ही नही अपितु गुजरात, राजस्थान महाराष्ट्र, छतीसगढ़ सहित विभिन्न राज्यों में भी दिया जा रहा है। इस प्रकार सभी और से जब सामाजिक दबाव बनाने लगा तब प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने सरकार का रुख स्पष्ट किया है। किंतु आदिवासी युवाओं में आज भी ये सवाल है, कि आजादी के समय भारत के आदिवासीयो के पास 65% जमीन थी, और वर्तमान समय मे भारत के मूल मालिको के पास 30% से भी कम जमीन बची है, आखिर ये जमीन गई तो गई कहां ? ये एक बड़ा सवाल है।
सभी संगठनों के पदाधिकारियों ने वर्तमान की कांग्रेस सरकार के बारे में कहा जो सरकार आदिवासीयों के दम पर सरकार में बेठी है, वो अपने हाथों से उस पेड़ की डाल को ही काट रही है, जिस पर वो बैठी है। सरकार को आदिवासीयो के हित के कहे गये अपने वादे को पूरे करना चाहिए, जो कि विधानसभा चुनाव के दौरान लेकर आई थी, न कि आदिवासीओ के हित के विरुद्ध काम करना चाहिए। अब युवा जाग चुका है, किसी भी दम पर अपनी जमीन नही देंगे। वर्तमान समय मे अलीराजपुर जिले के गैर आदिवासी रसखदारो के द्वारा बड़े पैमाने पर अपने नोकरो के नाम पर सस्ते दामो पर जमीन ले रखी है, और महंगे दामों में बेचा जा रहा है। इसकी जानकारी संगठन अपने पास प्राप्त चुका है, और कुछ बाकी है, जिसे भी R.T .I. (सूचना का अधिकार अधिनियम) के माध्यम से प्राप्त कर आने वाले समय मे संगठन एक बड़ा आंदोलन करेगा। जिनके नाम पर जमीन है ,उनके आय के साधन के माध्यम को खखोला जाएगा।
उक्त चर्चा के बाद जय घोष के नारे के साथ सभी पदाधिकारीयों ने रैली के रूप में जिला कांग्रेस अध्यक्ष  महेश पटेल के निवास पर पहुच कर ज्ञापन दिया। इस दौरान  पटेल ने कहा की उक्त ज्ञापन को सरकार तक पहुँचाउँगा, और सरकार को अपनी ये बात भी नोट करवाऊंगा की भविष्य में भी सरकार आदिवासीओ के अधिकारों के साथ छेड़छाड़ न करे, और सभी जनप्रतिनिधियों को समाज के साथ खडे रहने की अपील करने का आश्वाशन दिया, साथ ही समाज के प्रतिनिधि मंडल के साथ भोपाल स्वयं भी चलने कि बात कही।
उसके बाद सभी संगठनों के पदाधिकारी वर्तमान विधायक श्री मुकेश पटेल के पास पहुँचे ओर सबसे पहले उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया। ज्ञात हो की केबिनेट के निर्णय के दूसरे ही दिन अलीराजपुर के क्षेत्रीय विधायक पटेल ने अपने लेटर पेड़ पर केबिनेट के निर्णय को वापस लेने की अपील की थी। इनके अलावा केबिनेट मंत्री श्री ओमकार जी मरकाम आदिम जाति कल्याण विभाग एवं मनावर विधायक डॉ हीरालाल अलावा एव मण्डला विधायक डॉ अशोक मर्सकोले ने भी उक्त निर्णय को वापस लेने की अपील अपनी ही सरकार से अपने लेटर पेड के माध्यम से की गई हैं।
इस दौरान विधायक पटेल ने आगामी 03 दिसम्बर को मुख्यमंत्री के झाबुआ प्रवास के दौरान आदिवासी समाज के जिले के प्रतिनिधि मंडल को मुख्यमंत्री से भेंट कर चर्चा करवाने का आश्वासन दिया गया।
इस दौरान अजाक्स, आकास, जयस, आदिवासी समाज महिला मंडल, बिरसा ब्रिगेड एव आदिवासी छात्र संघ के पधादिकारीयो के साथ ही बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एवं समाजजन मौजूद थे।

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