आदिवासी समाज की बर्बादी, दहेज, शराब है दूर करना पड़ेगा : मसानिया

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अलीराजपुर लाइव के लिए आम्बुआ से बृजेश खंडेलवाल की रिपोर्ट-
आदिवासी समाज की उत्पत्ति आदिवासी शब्दो से बना है जब दो शब्दों के मिलने से आदिवासी बन सकता है तो सभी आदिवासी चाहे वह भील हो, भीलाला, पटलिया हो सब मिल जाएंगे, तो एक आदिवासी सशक्त समाज का पूर्ण निर्माण हो जाएगा। महाराष्ट्र में एक आदिवासी महिला को किसी गलती के चलते नग्न कर घुमाया गया था। इस कृत्य पर भी हमारा समाज कुछ नही कर सका न ही उचित न्याय मिला। अब इसकी पूर्णावृत्ति नही हो इसी कारन आदिवासी समाज को संगठित करने की आवश्यकता है। यह बात समाज के वरिष्ठ व इस कार्यक्रम के संयोजक भीमसिह मसानिया ने कही। कार्यक्रम मे बसंत अजनार ने कहा कि आदिवासियों लगातार शोषण हो रहा है। विधायक माधौसिंह डावर ने कहा कि मैं राजनीतिज्ञ बाद में हूं, पहले एक आदिवासी का बेटा हूं और समाज के बगैर मैं अधूरा हूं। समाज को सुधारना है तो शराब को कम मात्रा में सेवन करने की आवश्यकता है। शराब भी हमारे जीवन का हिस्सा है सेवन करे मगर उसकी भी सीमा होनी चाहिए। पूर्व विधायक सुलेचना रावत ने कहा कि मैं भी आदिवासी समाज की बेटी हूं, मेरा प्रथम दायित्व यही है मै अपने आदिवासी की बात करूं। कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य इन्दरसिंह चौहान ने कहा कि हमारा समाज हजारों साल पुराना है। मगर हमारी परम्परा को आज का युवा नही मानता हुआ राह भटक रहा है, जो समाज के लिए खतरनाक है। जोबट युवक कांग्रेस के अध्यक्ष विशाल रावत ने कहा कि हमें राजनीति करने के लिए बड़े मंच मिलते है। मगर समाज के उत्थान के लिए आज अवसर मिला है तो व्यर्थ नही जाने देना चाहिए। जिला शिक्षा सहायक संचालक नरेन्द्र भिंडे ने कहा कि हमारे आदिवासी समाज की पहली बैठक 1982 मे रखी गई थी और 1994 को प्रस्ताव पारित किया गया था। 9अगस्त को पहला आदिवासी दिवस मनाया गया। हमारा समाज पिछड़ा समाज कि गिनती में आता है। हमें समाज को सुधारना है तो हमारे बच्चो को शिक्षित करना होगा। स्वस्थ्य रहने के लिये हर घर मे शौचालय बनाना होगी। कार्यक्रम में केरमसिह जमरा ने कहा कि हमने आदिवासी समाज का नमक खाया है जिसे व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा। हमारे समाज की बर्बादी का कारण शराब और दहेज प्रथा है जिसे दूर करना हमारा दायित्व है। कार्यक्रम को इन लोगों ने भी सम्बोधित किया। इस दौरान चन्दरसिंह, बसंत अजनार, थानसिंह रावत, एमएस कटारा, सज्जनसिह जमरा, मुकेश अजनार, भुवानसिंह भाबरा, दिनेश निनामा ने संबोधित किया। व्यवस्था कि दृष्टि के लिए पुलिस प्रशासन की माकूल व्यवस्था थी। कार्यक्रम का संचालन केशरसिह बामनिया ने किया एवं आभार शंकरसिह जमरा ने माना।

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