आदिवासी संस्कृति बचाओ ग्रामसभा में सरपंच ने ग्रामीणों को प्रलोभन से बचकर धर्मजागरण की दी सीख

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जितेन्द्र वाणी, नानपुर

गुरुवार को ग्राम पंचायत टेमाची में आदिवासी संस्कृति बचाओ ग्राम सभा का आयोजन किया गया। ग्राम सभा की अध्यक्षता गांव के पटेल रघुनाथ कनेश की। ग्राम सभा में हिन्दू युवा जनजाति के कार्यकर्ताओं द्वारा सर्व प्रथम आदिवासी समाज की संस्कृति को सहज कर रखने वाले ग्राम प्रमुख पटेल, पुजारा, चौकीदार, सरपंच एवं गांव के बुजुर्गों का श्रीफल भेंट कर सम्मान किया गया। कार्यक्रम को दिलीप चौहान बीरबल, सरपंच जगत कनेश, पूर्व सरपंच भूरसिंग ने संबोधित किया। सरपंच जगत कनेश ने कार्यक्रम संबोधित करते हुए कहा कि हमारे गांव के कई परिवार ईसाई मिशनरी के पादरी के जाल अंधविश्वास और प्रलोभन में आकर ईसाई बन गए हैं। इसलिए पादरी के खिलाफ ईसाई धर्मांतरण का केस दर्ज होना चाहिए, जिसकी मांग कलेक्टर से करेंगे।
पूर्व सरपंच भूरसिंह ने बताया कि उनके कार्यकाल से ही ईसाई मिशनरी के पादरी रायसिंग द्वारा गाव के लोगों का धर्मांतरण कराया जा रहा है, जिसको रोकने के लिए एक बार पूरा गांव गया था जिसके बाद कुछ समय के लिए पादरी द्वारा धर्मांतरण के काम को रोका लेकिन फिर कुछ ही महीने बाद फिर से शुरू कर दिया और आज पूरा एक फलिया ईसाई बन गया और एक चर्च भी बना लिया गया, जो हमारे गांव के लिय बहुत दुखदायी साबित हो रहा है। हिन्दू युवा जनजाति के प्रवक्ता बीरबल डूडवे ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ईसाई मिशनरी आदिवासी लोगों को बीमारी के इलाज के बहाने हर रविवार को इक_ा करती है और बीमारी का अवैध इलाज सरसों के तेल की मालिश से तथा आदिवासी समाज की परंपरा और रीति रिवाज को छोडऩे पर ईलाज होने का दावा कर आदिवासी लोगों धर्मांतरण करने की बात कही और कहा कि हमारे समाज को इस अंधविश्वास से बच कर अपने समाज की संकृति की रक्षा करना है और ईन ईसाई को गाव से दूर करना है।
अंत में कार्यक्रम को हिन्दू युवा जनजाति संगठन के अध्यक्ष दिलीप चौहान ने ग्रामवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि ईसाई मिशनरी के ईसाई पादरी हमारे आदिवासी समाज में दीमक की भांति अंदर ही अंदर धीर धीर खोखला कर रहे हैं, जो आदिवासी समाज के भविष्य के लिए बहुत बड़ा खतरा बन गया है। ईसाई मिशनरी अगर इसी तरह आगे बढ़ता गया तो हम कुछ ही सालो मैं अल्पसंख्यक हो जाएंगे। हमारा अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा, इसलिए ईसाई मिशनरी को अभी ही रोकने जरूरत है। इसके लिए हर गांव में ईसाई मिशनरी के विरुद्ध अवाज उठाने की जरूरत है। ईसाई मिशनरी को आदिवासी क्षेत्रों में रोकने के लिए संविधान में भी कई प्रावधान है और ग्राम सभा को भी अपनी आदिवासी संकृति को बचाने के लिए विधि बनाने के अधिकार है। इसलिए आज हम ग्राम सभा को सक्रिय करने के लिए आए। आप ग्राम के सभी प्रमुख मिल कर गाव मैं ईसाई धर्म के प्रचार प्रसारए प्रार्थना सभा और चंगाई पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पारित करो, ग्राम सभा के मजबूत फैसलों से ही ईसाई धर्मांतरण को रोका लगाया जा सकता है। कार्यक्रम का संचालन सुरेश मंडलोई ने व आभार मंगल कनेश, दिनेश एवं अमबुआ मंडल अध्यक्ष समरथ पचाया ने किया।

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