आदिवासी विकास परिषद ने 4 दिसंबर को कलेक्टर कार्यालय का महाघेराव करने की घोषणा की

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आलीराजपुर। जिले में भूमि अधिग्रहण, चुनापत्थर कंपनियों की गतिविधियों, नर्मदा नदी के 5/5 किमी परिधि आदेश, लगातार बिजली कटौती तथा खाद–बीज की किल्लत जैसे गंभीर मुद्दों ने माहौल को विस्फोटक बना दिया है। इसी बीच आदिवासी विकास परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष महेश पटेल ने सोमवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में 4 दिसंबर को कलेक्टर कार्यालय का ऐतिहासिक महाघेराव करने की औपचारिक घोषणा की। उनके इस ऐलान ने जिले की राजनीतिक हलचल को और तेज कर दिया है।

जमीन, बिजली–खाद संकट और 5/5 किमी आदेश से बढ़ा जनआक्रोश

ग्रामीणों का आरोप है कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रियाएँ बिना ग्राम सभा की अनुमति और बिना स्पष्ट जानकारी के की जा रही हैं। डाबड़ी क्षेत्र में चुनापत्थर कंपनी को दी गई भारी पुलिस सुरक्षा को ग्रामीण “अन्यायपूर्ण और किसान विरोधी” बता रहे हैं। वन विभाग का नर्मदा नदी के दोनों किनारों से 5/5 किमी परिधि लागू करने वाला आदेश भी ग्रामीणों और आदिवासी समाज को अत्यंत प्रभावित कर रहा है। लगातार बिजली कटौती और खाद–बीज की कमी ने रबी की फसल को गहरे संकट में डाल दिया है।

“अब निर्णायक संघर्ष का समय” — महेश पटेल 

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए महेश पटेल ने कहा— “कंपनियों को सुरक्षा और किसानों पर दबाव… यह नीति अब स्वीकार नहीं। 4 दिसंबर को जिले की जनता कलेक्टर कार्यालय पर एकजुट होकर अपने अधिकारों की रक्षा के लिए खड़ी होगी।” उन्होंने बताया कि आंदोलन में जोबट, सोंडवा, कट्ठीवाड़ा, बरझर, अंबुआ, उमराली और आलीराजपुर सहित पूरे जिले से हजारों की संख्या में लोग शामिल होंगे। गांव–गांव में बैठकें, जन-जागरण रैलियाँ और प्रचार अभियान तेज कर दिए गए हैं।

महाघेराव के प्रमुख मुद्दे

  • डाबड़ी क्षेत्र में चुनापत्थर अधिग्रहण पर पूर्ण रोक

  • कंपनियों को दी गई पुलिस सुरक्षा तुरंत वापस

  • नर्मदा के दोनों किनारों पर 5/5 किमी परिधि आदेश निरस्त

  • नियमित और पर्याप्त बिजली आपूर्ति

  • खाद–बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करना, काला बाज़ारी पर सख्ती

  • आदिवासी किसानों के भूमि व वनाधिकारों की सुरक्षा

  • भूमि अधिग्रहण में ग्राम सभा की सहमति अनिवार्य

जिलेभर में बैठकों और जन-जागरण रैलियों का दौर

महाघेराव की घोषणा के बाद गांव–गांव में लगातार बैठकें हो रही हैं। विभिन्न सामाजिक संगठन और युवा समूह इस आंदोलन को खुला समर्थन दे रहे हैं। जनता का आक्रोश दिन-ब-दिन बढ़ रहा है और आंदोलन की तैयारियाँ अपने चरम पर हैं।

4 दिसंबर — जिले की बड़ी परीक्षा

टंट्या मामा शहादत दिवस के अवसर पर जिले की सभी गंभीर समस्याओं को लेकर

विशाल आमसभा एवं कलेक्टर कार्यालय का महाघेराव आयोजित किया जाएगा। महेश पटेल ने कहा—“यह आंदोलन किसी एक गांव का नहीं, बल्कि पूरे जिले के अधिकारों और सम्मान की लड़ाई है। 4 दिसंबर को जनता अपनी एकता और शक्ति का ऐतिहासिक प्रदर्शन करेगी।”

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