आदिवासी अंचल में सफर करना होगा सुगम, जल्द शुरू होने वाला है फोरलेन मार्ग का निर्माण.

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सलमान शैख़. झाबुआ Live…
शहर से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग झाबुआ-रतलाम फोरलेन रोड के लिए प्रयास तेज हो गए हैं। इसके लिए जमीन अधिग्रहित करने का काम जल्द ही शुरु हो रहा है। जमीन अधिग्रहण के साथ ही यहां पर फोर लेन रोड बनाने का काम चालू हो सकेगा। पेटलावद जो कि दो राज्यो से सटा हुआ है, यहां हर राज्य शहर के लोग पहुंचते हैं। इसके लिए वे टैक्सी या बस से सफर करते हैं, लेकिन रोड खराब होने के कारण उन्हें परेशान होना पड़ता है। इसलिए अब हाल ही में इसके लिए किए गए सर्वे में पूरी सडक़ की लंबाई करीब 86 किमी है। सर्वे का काम लगभग पूरा हो गया है। इस सडक़ की चौड़ाई जमीन की उपलब्धता के मुताबिक कहीं 60 मीटर, कहीं 65 मीटर और कहीं इससे भी थोड़ी कम हो सकती है और यह सडक़ बेहतर यातायात व्यवस्था के लिहाज से उन्नत किस्म की होगी, जिससे आदिवासी अंचल में सफर करना सुगम और सुहाना होगा। इसे लेकर सभी को उत्सुकता है, किंतु अधिकारियों की मानें तो सारंगी तक बनने वाले फोरलेन को रतलाम-झाबुआ फोरलेन से जोडक़र बनाया जाएगा।

जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया को लेकर प्रशासन लगभग तैयार:
प्रशासन ने इस सडक़ के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण करने के लिए कमर कस ली है। प्रशासन ने जमीन अधिग्रहण करने की प्रक्रिया के तहत लगभग चार चरणों थ्री ए, बी,सी और थ्री डी में बांटा है। इसके बाद प्रशासन जल्द ही पांचवें चरण थ्री ई का काम शुरू करेगा। इसके बाद सरकार जमीन अधिग्रहण कर उसका कब्जा लेगी और बाद में थ्री जी में मुआवजे का आकलन होगा। थ्री एच में जमीन के मालिकों को मुआवजा दिया जाएगा। जानकारी के अनुसार भूस्वामी आपत्ति नहीं जताते हैं, तो जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करा दी जायेगी। उल्लेखनीय है कि काफी लंबे समय से इस फोरलेन के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन इनमें सफलता नहीं मिल पा रही थी। अब फिर से इस रोड को बनाने के लिए प्रयास शुरु हुए हैं। प्रशासनिक हलचल के चलते अब उम्मीद है कि इस रोड को बनाने का काम शुरु हो सकेगा।

सभी हल्का पटवारियो को दिए निर्देश:
प्रशासनिक दृष्टि से सभी हल्का पटवारियो को निर्देश दिए है कि फोरलेन मार्ग में आने वाले उनके क्षैत्रों में किन स्थानो पर पुल, पुलिया, अंडर पास बनने वाले है, उन स्थानो पर जाकर निरीक्षण करे। जहां सर्विस रोड़ चाहिए, वह स्थान भी देखे। अभी ग्राम रायपुरिया, पंथबोराली, रामगढ़, रलियामन, सागडिय़ा, सोयला, टेमरिया, मोर, मातापाड़ा (सुवरपाड़ा), मोहनकोट, करड़ावद, करवड़, झावलिया, घुघरी, गंगाखेड़ी, अल्स्याखेड़ी, अनंतखेड़ी, पेटलावद, देहण्डी गांवो की शासकीय, निजी भूमि पर राष्ट्रीय राजमार्ग के झाबुआ-रतलाम सीमाखण्ड के चौड़ीकरण कार्य के लिए भूमि अधिग्रहण के अंतर्गत भौतिक सत्यापन के बाद 3 ए प्रकाशन किया जाना है।
अधिकारियो की माने तो फोरलेन निर्माण में न्यूनतम मकानो को तोडऩा पड़ेगा, क्योकि फोरलेन का सर्वे सेटेलाईट व अन्य उपकरणो के माध्यम से किया गया है। फिर भी प्रत्येक किलोमीटर पर कम से कम चार-पांच मकान आएंगे। मार्ग में आने वाली कृषि भूमि, मकान, ट्यूबवेल, कुओं, पेड़ो आदि संरचनाओ के लिए राजमार्ग भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1956 के प्रावधानों के तहत मुआवजा राशि दी जाएगी।

पेटलावद शहर में करीब 11 हेक्टेयर जमीन का होना है अधिग्रहण:
पटवारी हिम्मतसिंह देवलिया के अनुसार इस प्रोजेक्ट में भूमि अधिग्रहण फोरलेन के हिसाब से किया जा रहा है। हालांकि इस नए फोरलेन के लिए अभी कई चरण में प्रक्रिया होना है। पूरे प्रोजेक्ट के लिए पेटलावद शहर की करीब 11 हेक्टेयर जमीन की जरूरत पड़ेगी। इसमें से कुछ सरकारी जमीन रास्ते में पड़ती है। इसलिए 11 हेक्टेयर जमीन किसानों से अधिग्रहित की जानी है। सर्वे रिपोर्ट जल्द ही फाइनल हो जाएगी और इसके बाद संबंधित किसानों को भू-अधिग्रहण के लिए नोटिस देकर मुआवजा दिया जाएगा। पेटलावद नगर से रोड को न निकालते हुए बायपास निकाला जाएगा। इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूर्ण किया जाएगा।

पेटलावद शहर में यहां से गुजरेगा यह फोरलेन:
रतलाम से झाबुआ तक बनने वाला यह फोरलेन पेटलावद में करड़ावद मार्ग स्थित मॉडल स्कूल के पीछे से होता हुआ, मलीन बस्ती के पहले होता हुआ ट्रेचिंग ग्राउंड और फिर पंपावती नदी से ब्रीज के माध्यम से कब्रस्तान के बाहर होता हुआ गुजरेगा। अभी इस दूरी तक जो भूमि अधिग्रहित की जाना है वह किसके नाम से है, अगर नही है तो किस स्थिति में है और है तो जिसके नाम से है क्या उसका नामांतरण आदि प्रक्रिया पूरी है या नही इन सभी बिंदूओ पर जानकारी इकठ्ठी की जा रही है।

रतलाम से अहमदाबाद जाना आसान होगा:
इसके बन जाने से रतलाम क्षेत्र के हजारों यात्री कम समय एवं बिना परेशानी के अहमदाबाद पहुंच जाएंगे। शासन की भी योजना है कि एक हाईवे से दूसरे फोरलेन हाईवे को फोरलेन से जोड़ा जाए ताकि यात्री बाधा रहित यात्रा कर अपने गंतव्य तक पहुंच सकें। इससे एक ओर जिससे लाखों लीटर वाहनों के ईंधन की बचत होगी वहीं पर्यावरण सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान होगा। साथ ही वाहनों के रखरखाव पर होने वाला खर्च कम होगा।

जक्शन के रूप में देखा जाएगा पेटलावद शहर को:
इस रोड के जाल में पेटलावद को जक्शन के रूप में देखा जाएगा, क्योंकि बदनावर और रतलाम से आने वाले दोनों की मार्गो को पेटलावद में जोड़ा जाएगा। इससे पेटलावद जक्शन के रूप में उभरेगा तथा पेटलावद को इसका सर्वाधिक लाभ भी मिलेगा। साथ ही नगर में यातायात की समस्या से भी निजात मिलेगी। बड़े वाहनों का आवागमन बाहर से हो जाएगा। थांदला-बदनावर मार्ग की बात की जाए तो अभी इस संबंध में कोई योजना नहीं है आगे वाले चरण में इस मार्ग को लिया जा सकता है।
उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा:
शासन द्वारा जो योजना बनाई गई है, उसमे पेटलावद क्षेत्र को उद्याेिगक हब के रूप में विकसित करने में सडक़े सबसे बड़ा रोल अदा करेगी। कारण पेटलावद रतलाम राजस्थान, गुजरात, इंदौर व उज्जैन, भोपाल सहित अन्य स्थानों पर जाने के लिए पूर्ण सुविधा मिलेगी। जिस कारण से कसारबर्डी उद्योगिक क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा।
जमीन उपलब्ध करवाने की कार्यवाही की है शुरू:
हमने फोरलेन निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध करवाने के लिए कार्यवाही शुरू की हुई है और इसका थ्री ए का प्रकाशन किया जाना है। अगले चरण के कार्यों में जिसमें जिन लोगों की जमीन इस फोरलेन में आएगी, उन्हें मुआवजा देकर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।– आईएएस हर्षल पंचोली, एसडीएम 

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