आई दवाई हो रही ढिलाई बीमारी वापस आई, प्रशासन की शख्ती कागजों तथा घोषणाओं में दबी

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

बगैर पुलिस प्रशासन की मदद के कोरोना गाइडलाइन का पालन असंभव

पिछले 1 वर्ष से भी अधिक समय से संपूर्ण विश्व के साथ साथ हमारा देश तथा प्रांत सहित जिला कस्बा कोरोना नामक महामारी से जूझ रहा है ।कभी कर्फ्यू तो कभी लॉक डाउन की परेशानियां झेलते हुए आर्थिक शारीरिक तथा मानसिक रूप से पीड़ा झेलते हुए वर्ष गुजर गया शासन तथा हमारे वैज्ञानिकों के अथक प्रयास से अब कोरोना की दवाई आ गई ।मगर लोगों ने इस ओर से ढिलाई बरतना चालू की तो यह जानलेवा बीमारी विकराल रूप लेकर फिर आधमकी इससे बचाव के उपाय मास्क तथा आपस में दूरी बनाए रखना दूर की कौंडी साबित हो रही है जिसका पालन कराने में प्रशासन का पसीना छूट रहा है परिपालन हेतु पुलिस की मदद लेना ही एक विकल्प माना जा रहा है ।

जैसा की सर्व विदित है कि कोविड-19 यानी कोरोना महामारी हमारे क्षेत्र में भी 1 वर्ष पूर्व आई तथा उसके कारण कई की जानें गई कई बीमार पड़े तो कई ठीक भी हुए । इसके कारण कई परिवार बेरोजगार हो गए कई की नौकरियां गई तो कई छोटे व्यापारी तबाह हो गए जैसे तैसे समय निकाला जाता रहा शासन तथा हमारे वैज्ञानिकों की मेहनत रंग लाई तथा कोरोना की वैक्सीन आ गई दवा बनने की सूचना पर लोगों ने तथा प्रशासन ने दिलाई बरतना चालू कर दिया । अब यह बीमारी पहले से भी अधिक ताकत और तत्वरता के साथ हमला कर रही लेकिन व्यापारी ग्राहक कर्मचारी नागरिक है कि समझने को तैयार नहीं है ।बैंकों, सहकारी संस्थाओं, उचित मूल्य की दुकानों, स्वास्थ्य केंद्र, शिक्षण संस्थाओं, बसों, ट्रेनों आदि में ना तो सैनिटाइजर और ना ही मास्क और ना ही आपसी दूरी का पालन किया जा रहा है । बसों में बगैर मास्क यात्री को नहीं बैठाया जाएगा के पर्चे चस्पा कर दिए मगर देखा जा रहा है कि ड्राइवर क्लीनर कंडक्टर के साथ ही यात्री बगैर सुरक्षा सामान के यात्रा कर रहे हैं । प्रशासन रोज बयान जारी कर समाचार पत्रों में सुर्खियां बनते हैं ।मगर पालन कोई करता नजर नहीं आता है ।आदेश के प्रति पालन हेतु पुलिस महकमा एकमात्र उपाय है इन्होंने ही कर्फ्यू तथा लॉक डाउन में मजबूती के साथ गाइडलाइन का पालन कराया था ।अन्य विभागों की बजाय इस विभाग की सेवाएं जरूरी माना जा रहा है साथ कोरोना वैक्सीन भी अब सब के लिए अनिवार्य रूप से लागू कर देना भी जरूरी माना जा रहा है ताकि बीमारी को रोका जा सके ।

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