आंधी के साथ हुई बारिश ने खेतों में खड़ी फसलों को पहुंचाया नुकसान, किसान हुए हलाकान

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सिराज बंगडवाला, खरडूबड़ी

झाबुआ जिले के रामा ब्लॉक के अन्तर्गत आने वाले गाँव खरडुबडी में शुक्रवार शाम को आंधी तूफान के साथ बारिश ने गैहु, मक्का की फसलों को नुकसान हुआ है. बताया जा रहा है कि सन्, 2020  ने किसानों के लिए मुसिबतों का पहाड़ का संदेश दिया गया है. जो पहले तो कोरोना से किसानों परेशानी का सामना कर रहे थे जो अपने पलायन से घर लौट कर अपने खेती वाडी करते हैं पंरतु सोयाबीन, मक्का एव कपास जैसी फसलों को भी नवम्बर माह में आंधी के साथ बारिश ने खरिफ फसलों सोयाबीन, मक्का एव कपास की फसलों को नुकसान हुआ था जिसके कारण किसानों को सरकार से दवाईयां एव नगदी की राशि भी भरपाई नहीं कर पाए जिसके बाद किसानों ने रबी फसले चना, मक्का एव गैहु बोवनी की है जिसके पानी की समस्या को लेकर परेशान हो रहे किसानों ने कहा अधिकारी  एव शासन से पानी को लेकर गुहार लगाई थी  परतु किसीने नहीं  सुना इन्द्र देव ने किसानों की सुनी और बारिश दिसम्बर माह में हुई जिस से किसानों के चेहरे खिल गया था पंरतु शुक्रवर शाम की  आंधी तूफान के साथ बारिश ने फिर किसानों को आंखों में आसु दे गया बताया जा रहा है कि शाम को आंधी तूफान के साथ बारिश ने गैहु और मक्का की फसलों को पुरे खेतों में सुला दिया है जेसे की धरती माँ ने हरि चादर पहनली है जेसे दिखाई दे रहा है जिस से किसानों को फिर नुकसान का सामना करना पड़ा है अब किसानों के आगे सरकार या सोसायटी से कजॅ लिया गया है केसे चुकाएँगे इनके आगे आत्मा हत्या के सिवाय कुछ नहीं दिखाई दे रहा है इस तरह झाबुआ विकास खंड के  अंतर्गत आने वाले गाँव उमरिया बंजत्ररी में भी किसानों की गैहु ,,मक्का की फसलों को नुकसान हुआ है

किसान प्रेमसीग डामोर :  कल शाम की बारिश ने किसानों की गैहु और मक्का की फसलों को तेज हवा ने खेतों में बिछाई दिया है हमने सरकार से यह निवेदन करते हैं कि किसानों को नुकसान हुआ है जिसका शासन द्वारा सवेॅ कर इनका मुवाजा दिलाया जाय सोसायटी के खाद्य बीज के रुपये माफ़ कर दिया जाए

किसान रमेश डामोर : किसानों को पहले   नवम्बर माह में बारिश होने से   सोयाबीन एव कपास की फसलों को नुकसान हुआ था अब गैहु मक्का और चना की फसलों तैयार हो रहा था कि दिसम्बर माह में शुक्रवार को आंधी तूफान के साथ बारिश होने से  गैहु और मक्का की फसलों को नुकसान पहुंचा गया है जो पुरे खेतों में गैहु की फसलों को बिछाई दिया गया है जेसे दिखाई दे रहा है अब किसानों सहूकार एव सोसायटी के कजॅ केसे चुका पाएंगे इनके आगे अब आत्महत्या के बजाय दुसरा कही नजर नहीं दिखाई दे रहा है

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