असाडा राजपूत समाज ने धूमधाम से निकाली गणगौर माता की शोभायात्रा

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पियुष चन्देल अलीराजपुर
अलीराजपुर में असाडा राजपूत समाज ने रक्षाबंधन के दूसरे दिन गणगौर माता की शोभायात्रा धूमधाम से निकाली।
समाज के सदस्यों द्वारा अम्बे माता मंदिर में 29 एवं शर्वेश्वर महादेव मंदिर में 31 माताजी के ज्वारे स्थापित किये तथा 10 दिनों तक प्रतिदिन प्रातः एवं संध्या काल ज्वारे का पूजन व आरती के साथ गणगौर माता की सेवा की।पूर्णिमा के दिन माता जी के श्रृंगारित मुकुट के साथ रथो को तैयार किया गया तथा शुभ मुहूर्त में दर्शनार्थियों के दर्शन हेतु सजाया गया। श्रद्धालुओं द्वारा रात्री जागरण करते हुए भजन व गरबा नृत्य किया गया। सोमवार को सुबह 10:00 बजे ढोल नगाड़ों व बैंड बाजो के साथ नाचते गाते हुए माताजी की शोभायात्रा प्रारंभ की गई और अषाढ़पूरा में माताजी मंदिर मार्ग, ताड गली, शिवाजी मार्ग तथा सुभाष मार्ग के विभिन्न थानकों पर माताजी की अगुवाई की गई।प्रत्येक थानक पर माताजी का पूजन व आरती की गई। तत्पश्चात नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए शोभायात्रा राजवाड़ा प्रांगण पहुंची जहा परम्परानुसार यात्रा को अल्प विश्राम दिया गया क्योंकि रियासत काल मे अलीराजपुर के महाराजा शोभायात्रा को रुकवा कर माताजी का पूजन करते थे, और रियासत की समृद्धि व खुशहाली के लिए प्रार्थना करते थे। राजराजेश्वर मंदिर चौराहे पर अंतिम थानक आरती करके समाज जानो द्वारा सुक्कड नदी के बहते हुए जल में माताजी के अंकुरित ज्वारों का विसर्जन किया गया।
मान्यता है, कि सच्चे मन से गणगौर माताजी की आराधना – उपासना करने से मनोकामना पूर्ण होती है। प्राचीन समय से ही अलीराजपुर के अषाढ़पूरा के अम्बे माता मंदिर में श्रावण मास की द्वितीय सप्तमी के दिन से गणगौर माताजी की स्थापना होती आ रही है।
गणगौर माताजी के कार्यक्रम के लिए गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक तथा विदेश में निवास कर रहे समाज जन विशेष तौर पर अलीराजपुर आते है।

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