असाडा राजपूत समाज  के “व्यक्तित्व विकास शिविर” का धुमधाम से हुआ समापन

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ALIRAJPUR LIVE के लिए पियुष चन्देल की रिपोर्ट-
असाडा राजपूत समाज आलीराजपुर द्वारा बच्चों के लिए आयोजित 3 दिवसीय व्यक्तित्व विकास शिविर का आज धूमधाम से समापन किया गया। दिनांक 28 अप्रैल से प्रारम्भ इस शिविर में प्रतिदिन सुबह और शाम के विभिन्न सत्रो मे अनेक प्रकार की गतिविधियां संचालित की गई। प्रात:कालीन सत्र सरस्वती शिशु विद्या मंदिर एवं सायंकालीन सत्र महाराणा प्रताप भवन असाडपुरा मे आयोजित किया गया। प्रातःकालीन सत्र मे लोकेन्द्र गेहलोत और विनय तंवर द्वारा शिविर मे सम्मिलित बच्चों को आंख, गरदन, हाथ, कमर, पेट, व पैरो, के व्यायाम करवाये गये।
अरुण गेहलोत, निरंजन वाघेला, राजेश राठौर, विजय गेहलोत व उमेश वर्मा द्वारा सुर्य नमस्कार, अनुलोम विलोम, तथा विभिन्न प्रकार के आसन करवाये गये।
अविनाश वाघेला,राघवेन्द्र गेहलोत, विक्रांत राठौर, कुलदीप भाटी, दीपक गेहलोत व विश्वजीत तंवर ने पारम्परिक खेल जैसे खौ-खौ, कबड्डी, गधामार, सात सितोलिया, रस्सी कुद, चेयर रैस आदि खिलवाये।
प्रतिदिन शिविर में स्वल्पाहार बनाने व वितरण की जिम्मेदारी हेमन्त सिसोदिया, नारायण वर्मा, सतीश भाटी अभिषेक वर्मा व नरेश वाघेला ने निभाई।शिविर में हेतल चन्देल व पियुष चन्देल ने शिविरार्थियों को वाकपटुता की जानकारी दी।
आलीराजपुर के डॉक्टर प्रमेय रेवडियां ने शिविर में ज्ञानवर्धक एवं स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी दी तथा अधिक समय तक मोबाईल फोन के उपयोग के दुष्प्रभाव बताये। असाडा राजपूत समाज द्वारा डॉक्टर प्रमेय रेवडियां को रक्तदान हेतु उत्कृष्ट कार्य के लिये सम्मानित भी किया गया।
जाग्रति वाघेला, नीलम गेहलोत, जयश्री गेहलोत व नीरजा चन्देल ने कहानियों के माध्यम से बच्चों को ईमानदारी, अनुशासन व एकता का संदेश दिया।सायंकालीन सत्र में कौशिक वाघेला व हेमेन्द्र चौहान ने सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी संचालित की। भेरूसिंह चौहान व सुदेश वाघेला ने नैतिक शिक्षा व मानवीय मूल्यों का महत्व बताया।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय शक्ति के श्री नारायण भाई ने ध्यान व आध्यात्मिक ज्ञान के विषय मे जानकारी दी।शिविर के तिसरे और अंतिम दिन असाडा राजपूत समाज के वरिष्ठ श्रीे नटवरसिंह सिसोदिया व समाज अध्यक्ष श्री राजेश जे. वाघेला के मुख्य आतिथ्य मे समापन समारोह धूमधाम से सम्पन्न हुआ। समापन समारोह में बच्चों ने दहेज प्रथा व यातायात नियमों पर नाटिका प्रस्तुत की साथ ही गरबा नृत्य व आदिवासी नृत्य की प्रस्तुति दी। शिविर समापन पर शिविरार्थी पार्थ गेहलोत, हीरल राठौर व रुद्राक्षी चन्देल ने अपने विचार रखते हुए कहा की इस शिविर में बहुत मनोरंजन किया और बहुत कुछ सिखने को मिला इसलिए ऐसे शिविरों का आयोजन होते रहना चाहिए। इस अवसर पर अशोक सोलंकी,लविन्द्र चौहान, धर्मेंद्र चौहान, विनय चन्देल,रीता सिसोदिया, चेतना वाघेला आदी उपस्थित थे।

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