अलीराजपुर जिले मे 95.10 % बलात्कार के आरोपी बरी ; वजह ओर आंकड़े जानकर हैरान हो जायेंगे आप !

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चंद्रभानसिंह भदोरिया @ एडिटर इन चीफ

देश मे एक बार फिर बेटियों के साथ दरिंदगी के मामले यूपी – एमपी – राजस्थान मे सामने आये है सोशल मीडिया पर दरिंदो को फांसी देने से लेकर एनकाउंटर की मांगे उठ रही है ऐसे मे हमने पश्चिम मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले के उन आंकड़ो को खंगालने की ठानी जिसमे बेटियों या महिलाओ के साथ जघन्य योन अपराध हुऐ थे ..हमने 2017/18 एंव 2019 के अलीराजपुर जिले के अदालतों से आये फैसलों के आंकड़ो को खंगाला ओर अलीराजपुर पुलिस से संपर्क किया ..इन आंकड़ो को खंगालने का सच बेहद डरावना ओर चोंकाने वाला है पढिऐ मेरी यह रिपोर्ट ..

203 मे से 193 दुष्कर्म के आरोपी बाइज्ज़त बरी हुऐ ; सिर्फ 10 अपराध साबित हो पाये

हमने न्याय पालिका की एक वेबसाइट से फैसले निकाले ओर अलीराजपुर एसपी विपुल श्रीवास्तव से उन आंकड़ो को कंफम॔ किया तो सच्चाई हैरान ओर परेशान करने वाली थी .. 2017 ; 2018 एव 2019 मे कुल 203 फैसले उन मामलो के आये जिनमे कुछ के साथ अपहरण किया गया था लेकिन बलात्कार के आरोप सभी 203 मामलो मे थे लेकिन 203 फैसलों मे 193 आरोपी बरी हो गये क्योकि अलग अलग वजहों से यह साबित नही हो पाया कि इन लोगो ने अपहरण ओर बलात्कार किया था केवल 10 आरोप साबित हुऐ ओर आरोपियों को सजा सुनाई गयी है अगर इस आंकड़े को हम प्रतिशत मे देखे तो कुल 95.10 % अपहरण एंव बलात्कार के आरोपी न्यायालय से निर्दोष साबित हुऐ है ओर केवल 4.90 % आरोपी सजा पा सके है .. अलग अलग सालो के आंकड़ो के अनुसार 2017 मे कुल 23 फैसले आये जिसमे 22 बरी हुऐ ओर 1 मे सजा हो सकी है जबकि 2018 मे कुल 87 मामलो मे फैसले आये जिसमे 86 बलात्कार के आरोपी निर्दोष साबित हुऐ है ओर केवल 1 आरोप कोर्ट मे साबित हो सका है इसी तरह 2019 मे कुल 93 फैसले सामने आये जिनमे 85 बरी हुऐ है ओर 8 बलात्कारी साबित होकर सजा पाये है

FIR ओर 164 के बयान के बावजूद पीडिताऐ अदालत मे मुकरी

आखिर एफआईआर ओर कोर्ट मे 164 के बयान के बावजूद भी 95 % रेप आरोपी बरी क्यो हो रहे है ? जब यह सवाल हमने अलीराजपुर एसपी विपुल श्रीवास्तव से पूछा तो उन्होंने कहा कि हां यह सच है कि एफआईआर मे लिखवाये आरोपों के अनुसार ही पीडिताऐ 164 के बयान देती है मगर बाद मे वह कोर्ट मे मुकर गयी ओर आरोपी बरी हो गये ..दिलचस्प बात यह है कि पुलिस ने अपनी समीक्षा पड़ताल मे पाया है कि 203 मे से 162 मामलो मे अपहरण ओर बलात्कार की पीडिताओ ने अपने बयान मे या तो आरोपी को पहचानने से इंकार कर दिया था यह कह दिया कि उसके साथ तो अपहरण या बलात्कार हुआ ही नहीं है !! ..एसपी विपुल श्रीवास्तव कहते है कि कुल बरी होने वाले 193 मामलो के परीक्षण मे हमने पाया कि 162 मामले मे पीडिताओ के मुकरने ; 30 मामले मे प्रमूख गवाहों के मुकरने ओर 1 मामले मे पुलिस विवेचना मे कमी थी ..ऐसे मे पुलिस ओर व्यवस्था खुद को लाचार पा रही है ।

भांजगढी या तोड प्रथा ज्यादा जिम्मेदार

इस संबध मे हमने अलीराजपुर के प्रमूख पटेलो मे से एक महेश पटेल से बात की.. उनका कहना है कि आदिवासी समाज अपने हर तरह के मामले खुद निपटा लेता है ओर ऐसे मामलो मे भी यही होता है गांव मे दुश्मनी ना बढे इसलिऐ समाज के जिम्मेदार लोग झगड़ा खत्म करवाते है ओर इन पंचायतों मे हर तरह के मामले निपटाये जाते है ..एसपी अलीराजपुर विपुल श्रीवास्तव कहते है कि स्थानीय सामाजिक परंपरा के चलते प्रमूख लोग तोड करवा देते है ओर उस तोड बैठक के फेसले अदालतों मे आकर पीडिताओ के मुकरने के रूप मे सामने आते है ..एसपी यह भी कहते है कि आरोपी ओर पीडिता के आपस मे पहचान होना भी मामले पर आगे चलकर बुरा असर डालता है ..एसपी अलीराजपुर विपुल श्रीवास्तव का कहना है कि हम अभी भी लगातार कोशिश कर रहे है कि महिलाओ के खिलाफ अपराध करने वालो को कडी से कडी सजा मिले ओर 2019 मे 8 सजा दिलाना काफी तो नही है लेकिन पुलिस के सक्रिय प्रयासो का ही परिणाम है ।

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