अलीराजपुर जिले की प्रशासनिक – हलचल

0

अलीराजपुर जिले की
प्रशाशनिक – हलचल

@ चंद्रभान सिंह भदोरिया @ चीफ एडिटर

 

तो क्या इसलिए तबादला चाहते है कलेक्टर ?
भोपाल के प्रशासनिक गलियारों में विगत एक पखवाड़े से एक खबर तैर रही है कि अलीराजपुर कलेक्टर गणेश शंकर मिश्र अब एक डेढ के लिए कलेक्टरी से मुक्ति चाहते है ताकी अपने परिवार को थोडा वक्त दे पाये। हालांकि कलेक्टर गणेश शंकर मिश्र अपने स्वभाव के अनुसार खामोश रहकर काम कर रहे है। अब आज से अगले हफ्ते के बीच आने वाली कलेक्टरों की तबादला सूची से यह साबित होगा कि भोपाल के प्रशासनिक गलियारों में जो चर्चा है उसमें दम था या कयास …!

ऐसे महान अफसर भी पदस्थ है अलीराजपुर जिले में

अलीराजपुर मध्यप्रदेश का नायाब जिला है खासकर प्रशासनिक मामलों में यहां अजब गजब अफसर कई बार पद स्थापना पा जाते है अलीराजपुर जिले मे एक ऐसा अफसर भी पदस्थ है जो होस्टल का भुगतान जारी करने पर पहले बिना कोई कारण बैंक को चि_ी लिखकर रोक लगाता है और फिर रोक हटा देता है अब आप समझ गये होंगे की रोक क्यो लगाई गई थी और क्यो हटी ? वैसे आपको बताते चले कि यह साहब वहीं है जिनके हस्ताक्षर से सरकारी खजाने को 11 लाख से अधिक का चूना लग चुका है। साहब सरकारी पैसा निजी इस्तेमाल के लिए ले चुके है मगर लास्ट मे मामला लिपिक पर डालकर मामला सेट किया गया। अब लिपिक और यह साहब मिलकर यह राशि किश्तो में चुकाएंगे। अगर इन साहब की कलेक्टर से करीबी न होती तो इन साहब पर अब तक एफआईआर हो चुकी होती।

कलेक्टर है तब तक —
विगत महीने अलीराजपुर में कुछ नये बीईओ और बीआरसी बनाये गये ..इससे कई सीनियर संवग? के लोग खफा हो गए। ज्ञापन बाजी भी कर इसे अपना अपमान बताया लेकिन कलेक्टर है गणेश शंकर मिश्र जो सुनती सबकी है करते अपने मन की है सो उन्होंने सभी आपत्तियों को खारिज कर दिया है। सूत्र बताते है कि कलेक्टर अलीराजपुर को नतीजे देने वाली टीम चाहिए, अगर कोई जूनियर या कम रैंक वाला कर्मचारी भी समझ मे आ जाये तो महत्वपूर्ण भूमिका ना सिर्फ देते है बल्कि अच्छा काम अगर संबंधित करें तो उसकी ढाल भी बनते है सोंडवा बीईओ एंड बीआरसी रामानुज इस बात का सटीक उदाहरण है

लेकिन राव की मनमानी को कोन रोकेगा ?
आदिवासी विकास विभाग अलीराजपुर में एक दाढीधारी अकाऊंट है राव जो कि इन दिनों उदयगढ में पदस्थ है बताते है जनपद ओर बीईओ आफिस का लेखा प्रभार देख रहा यह राव हमेशा की तरह सचिवों और शिक्षकों को तल रहा है।महीने मे कुछ ही दिनों के कार्यस्थल आता है और समय पर ना ट्रेजरी में बिल लगते है ना वेतन – एरियर मिलता है बताते है इससे बीईओ-बीआरसी सहित हर कोई परेशान है लेकिन फिर भी यह बना हुआ है तो मतलब साफ है कि ऊपर कोई न कोई इससे खुश होगा।

Leave A Reply

Your email address will not be published.