अनाज की कालाबाजारी के मामले मे कार्रवाई की बजाए लीपापोती करने में जुटा प्रशासन–पटेल

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आलीराजपुर | विगत दिनों जिले के ग्राम आम्बुआ मे राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा अनाज से भरे दो ट्रक कालाबाजारी हेतु गुजरात जा रहे थे, उसको जप्त कर पुलिस थाने में खडे करवाए थे | अधिकारी भाजपा नेताओं के दबाव में आकर कार्रवाई करने के बजाए लीपापोती करने में जुटा हुआ है | जिससे उनकी भूमिका भी शंकाओं के घेरे में दिखाई दे रही है | इस मामले को लेकर हमने कलेक्टर महोदय को विभिन्न बिंदुओं से अवगत करवाकर एक आवेदन सौंपा है | हम मांग करते है की कलेक्टर महोदय निष्पक्षता से जांच कर गरीबों के हक पर डाका डालने वाले अनाज माफियाओं और इसमें शामिल अधिकारियों के खिलाफ शीघ्र एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई करें | उक्त बातें जिला कांग्रेस कमेटी पूर्व अध्यक्ष महेश पटेल जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कही |
अनाज की हेराफेरी और तस्करी से जिला फिर हुआ शर्मसार
पटेल ने बताया कि अनाज की कालाबाजारी हेतु जा रहे दो ट्रक जप्त हुए दो दिन हो गए हैं, परंतु अभी तक प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है | इसमें शामिल कतिपय अनाज ठेकेदार के खिलाफ प्रशासन द्वारा अभी तक एक्शन नहीं लिया गया है | जिले में हुए अनाज की हेराफेरी और अनाज तस्करी से जिला एक बार फिर शर्मसार हुआ है | प्रशासन की कार्रवाई में हो रही लेटलतीफी भी कई प्रकार की शंकाओं को जन्म दे रहा है | अधिकारी भाजपा नेताओं के दबाव में आकर कार्रवाई में लेटलतीफी कर लीपापोती करने मे लगे हुवे हैं |
निम्न बिन्दुओ के आधार पर उच्च स्तरीय जांच की जाए
पटेल ने कलेक्टर को सौंपा आवेदन में बताया कि गोदाम के माल मे गाड़ी के माल का सेम्पल मिलान किया जावें। जिस गोदाम से गाड़ी भरी है, उस गोदाम की पुरी जांच की जावें। सरकारी माल के बोरे गोदाम मे ही बदलकर प्रायवेट बोरे बदले जाते है, और गाड़ी फिर भरी जाती है, ताकि लगे कि मॉल प्रायवेट है।
सरकारी मॉल प्रायवेट बारदान मे भरने से मॉल प्रायवेट नहीं हो जाता है, मॉल तो सरकारी है, और सरकारी ही रहेगा। जिस व्यापारी ने प्रायवेट बिलटी, चालान बनाये है, उसकी भी जांच होनी चाहिए। वह ये माल कहा से लाया है, और उसका क्या कमिशन है, सरकारी मॉल के प्रायवेट चालान, बिल बनाने में उसके उपर भी एफआईआर होना चाहिए। यह पुरा काम संबंधित ठेकेदार और गोदाम प्रभारी और दुकान के बिच काम होता है। इसके उपर
एफआईआर दर्ज की जावें जनवरी 2022 मे अभी तक के महिने का आवंटन पर किस दुकान को माल चालु माह में ही अगले माह का भी आवंटन दे दिया जाता है। यह नियम के विरुद्ध है। महिने वाईज पुरे चालानो की जांच होना चाहिए। किस किस दुकान का चालु माह में ही अगले माह का आवंटन दे दिया जाता है, जबकि दुसरी बिना सेटिंग वाली दुकानों को माल नहीं मिलता है। ठेकेदार नेताओं के संरक्षण में पिछले 20 वर्षों से काम कर रह है, उसकी आय से अधिक संपत्ति की जांच होना चाहिए। करोड़ो की सम्पत्ति कहा से आई है। इसकी जांच की जावें।
निष्पक्षता से जांच की जावेगी तो ही गरीबो के माल पर डाका डालकर यह लोग करोड़ो रुपये जो कमाई कर रहे है वो पुरी तरह से सामने बेनक़ाब हो जाएंगे । ठेकेदार गोदाम प्रभारी और जिस जिस दुकानों के चालु माह के ही अगले माह के एडी चालान बनते है. इस पर भी एफआईआर होनी चाहिए, ताकि गरीबो के अनाज पर डाका डालने वाले बेनकाब हो सके। गाड़ी सरकारी गोदाम से भरकर शाम 5 बजे निकलकर आम्बुआ पेट्रोल पम्प पर खड़ी रहती है और 2 घण्टे तक प्रायवेट बिल चालान नहीं बनते है, इससे यह सिद्ध हो जाता है कि मॉल सरकारी था। क्योंकि प्रायवेट मॉल के तो बिल चालान हाथो हाथ गाड़ी के साथ ही बन जाते है। फिर दो घण्टे से ज्यादा समय क्यो लगा, कम्प्युटर डाटा एन्ट्री से गौदाम का बैलेन्स का मिलान किया जावें। दोनो गोदाम का अलग-अलग है । बेहड़वा गोदाम का जो बैलेन्स है, कम्प्युटर मे वही बैलेन्स गौदाम मे होना चाहिए। जोबट गोदाम मे जो कम्प्युटर मे बैलेन्स है, वही बैलेन्स जोबट गोदाम मे होना चाहिए। हाथ से बैलेन्स लिखा हुआ या जोबट और बेहड़वा दोनो गोदाम का बैलेन्स एक साथ मिलाकर मान्य नहीं करे, रजिस्टर्ड रिकार्ड को मान्य नहीं करे। ड्रायवर द्वारा बोला गया है कि बेहड़वा गोदाम से गाड़ी भरी है, इसलिए अतिशिघ्र ठेकेदार और गोदाम प्रभारी के उपर एफआईआर कराई जावे ताकि जांच सही से हो सके।

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