अचानक ट्रांसफर किए गए पेटलावद टीआई बोले- कोई शिकवा-शिकायत नहीं, अपने काम से पूरी तरह संतुष्ट

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सलमान शैख@ झाबुआ Live..
पेटलावद में 2 साल दो महीने तक टीआई के रूप में रिकॉर्ड बना चुके संजय रावत को अचानक एसपी आशूतोष गुप्ता द्वारा स्थानांतरित कर झाबुआ टीआई बनाया गया है। यह उनकी एक बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है। एक छोटी जगह से बड़ी जगह जाने की ख्वाइश हर अधिकारी की रहती है। उन्होंने स्थानांतरण के बाद झाबुआ Live से खास बातचीत में कहा कि आज तक जो सफलताएं मिली हैं, उसका श्रेय पेटलावद पुलिस को जाता है और जो भी नाकामी रही है, उसकी जवाबदारी मैं खुद लेता हूं।
सख्त अधिकारियों के रूप में पहचान बना चुके संजय रावत आसपास के जिलों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं, लेकिन उन्होंने पेटलावद 2 साल से अधिक का समय देकर अभी तक का रिकॉर्ड बना दिया है। पेटलावद में बीते 5-6 सालों की बात करे तो कोई भी अधिकारी इतने साल तक टीआई के रूप में लगातार पदस्थ नहीं रहे हैं।
पूरे कोरोना कालखण्ड में निभाई अहम भूमिका-
वे पेटलावद थाने में 27 फरवरी 2020 को पदस्थ हुए थे। इसके बाद मार्च महीने में कोरोना वायरस के कहर से लगे लाकडाउन में अपने परिवार से दूर पूरे पेटलावद को अपना परिवार मानकर उन्होनें कोरोना कालखण्ड में अहम भूमिका निभाई। फिर चाहे किसी गरीब की मदद करना हो या किसी विक्षिप्त को आम इंसानों की तरह रखने का संकल्प लेना हो। पूरे कोरोना कालखण्ड में उन्होनें गरीब बेसहारा लोगो की काफी मदद की। कोरोना की जागरूकता के लिए खुद टीआई संजय रावत ने कई ऐसे जनजागरूकता कार्यक्रम भी चलाए, जिसमें उन्होनें खुद अभिनय किया और लोगो को जागरूक किया।
ट्रांसफर होना एक साधारण प्रक्रिया, अपने काम से पूरी तरह संतुष्ट-
टीआई संजय रावत के तबादले के बाद कई प्रकार की जन चर्चाएं भी चल रही हैं। हालांकि टीआई संजय रावत अपने कार्य से पूरी तरह संतुष्ट हैं। उन्होंने बातचीत के दौरान कहा कि अभी तक जो भी पेटलावद में शासन-प्रशासन की मंशा के अनुरूप माफिया अभियान चलाया गया, उससे आम लोगों को काफी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि स्थानांतरण होना एक साधारण प्रक्रिया है। करीब ढाई साल एक ही थाने में कार्य करने का वक्त बहुत होता है। स्थानांतरण को लेकर उन्हें कोई शिकवा-शिकायत नहीं है। उन्होंने यह जरूर कहा कि अभी तक जो भी सफलताएं मिली हैं, वह पेटलावद पुलिस के खाते में जाती है। सभी पुलिसकर्मियों ने काफी मेहनत करते हुए सफलताएं अर्जित की हैं। मुझे इस बात की खुशी है कि यहां के लोग खासकर महिलाओं का पुलिस पर भरोसा बढ़ा है। यहां के लोगों ने मुझे और टीम को महिला सुरक्षा, संवेदनशीलता व पुलिस के अच्छे कार्यों के लिए सम्मानित किया।
आम लोगों में भी काफी लोकप्रिय रहे हैं संजय रावत-
इस दौरान उन्होंने कहा कि अभी तक जो भी असफलता मिली हैं, वे उसकी जिम्मेदारी खुद लेते हैं। पेटलावद टीआई के रूप में कार्य कर चुके संजय रावत आम लोगों में भी काफी लोकप्रिय रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि उन्होंने आम जनता में पुलिस का डर खत्म करने की एक अनोखी पहल भी शुरू की थी, जो रंग भी लाई और यही वजह है कि संजय रावत पूरे नगर में लोकप्रिय हो गए थे। पेटलावद के प्रत्येक गांवों में वे पहुंच चुके हैं। इस दौरान उन्होंने आम लोगों में भी अच्छी पकड़ बना ली थी। अभी भी पेटलावद के व्यापारी और आम लोग यह चाहते थे कि पेटलावद टीआई के रूप में संजय रावत को काम करने का और मौका मिले।
सामाजिक कार्यकर्ताओ, स्टाफ ने किया स्वागत-
उनके ट्रांसफर के बाद एसडीएम आईएएस शिशिर गेमावत और तहसीलदार ने तहसील कार्यालय में उनको फ्लावर भेंट कर विदाई दी। इसी के साथ कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पुलिस थाने पहुंचकर उनका स्वागत किया। वहीं पूरे पुलिस स्टाफ ने उनका विदाई समारोह आयोजित किया और उन्हें फूल-माला पहनाकर स्वागत किया। उनके साथ सारंगी चैकी प्रभारी अशोक बघेल और आरक्षक सुशीला सोलंकी का भी फूल माला से स्वागत कर भावभिनी विदाई दी। इस दौरान भाजपा मंडल अध्यक्ष सोनू मांडोत, पार्षद कमलेश लाला चौधरी, जीवन ठाकुर, लोकू परिहार, राकेश गेहलोत आदि मौजूद रहे।