 झाबुआ। श्रीरामशरणम् समिति झाबुआ द्वारा 3 से 5 जनवरी 2016 तक तीन दिवसीय खुला सत्संग का आयोजन होगा जिसमें देश-विदेश के साधक शामिल होंगेे। श्रीरामशरणम् झाबुआ पर आयोजित होने वाले खुले सत्संग के कार्यक्रम 3 जनवरी को प्रातः 11 बजे नामदीक्षा दोपहर 3 बजे अधिष्ठानजी का प्रदाय सांय 7 बजे से 8 बजे तक सत्संग का शुभारंभ, रामायण पाठ, प्रवचन, 4 जनवरी प्रातः 7 से 8 ध्यान, भंजन-संकीर्तन, प्रातः 9 से 10 बजे गीतापाठ, प्रवचन, भजन दोपहर 12ः30 से 2ः30 बजे मोन 3 से 4 बजे अमृतवाणी संकीर्तन, प्रवचन सांय 7 से 8 बजे रामायण पाठ, प्रवचन, 5 जनवरी मंगलवार प्रातः 7 से 8 बजे ध्यान, भजन संकीर्तन प्रातः 9 से 10 बजे गीतापाठ, प्रवचन दोपहर 3 से 4 बजे अमृतवाणी, संकीर्तन आरती एवं समापन होगा। इस दोरान 3 जनवरी को श्रीरामशरणम् झाबुआ में नामदीक्षा का आयोजन होगा इसी तारतम्य में 27 दिसंबर को राम नाम की दीक्षा लेने के इच्छुक व्यक्तियों की एक विशाल बैठक का आयोजन झाबुआ में हुआ जिसमें बताया गया कि जीवन में सदगुरू क्यो आवश्यक है? साधना उपासना का क्या महत्व है? रामनाम की साधना कैसे सीधी सरल एवं प्रतिबंधो से मुक्त है अनपढ हो या ज्ञानी सभी के लिए बहुत ही उत्तम मार्ग है जो आडम्बर मुक्त है। समिति ने धर्मप्रेमी सज्जनों से अनुरोध किया है कि अधिक से अधिक की संख्या में उपस्थित होकर रामनाम की दीक्षा ग्रहण और जीवन को सफल बनाए।
झाबुआ। श्रीरामशरणम् समिति झाबुआ द्वारा 3 से 5 जनवरी 2016 तक तीन दिवसीय खुला सत्संग का आयोजन होगा जिसमें देश-विदेश के साधक शामिल होंगेे। श्रीरामशरणम् झाबुआ पर आयोजित होने वाले खुले सत्संग के कार्यक्रम 3 जनवरी को प्रातः 11 बजे नामदीक्षा दोपहर 3 बजे अधिष्ठानजी का प्रदाय सांय 7 बजे से 8 बजे तक सत्संग का शुभारंभ, रामायण पाठ, प्रवचन, 4 जनवरी प्रातः 7 से 8 ध्यान, भंजन-संकीर्तन, प्रातः 9 से 10 बजे गीतापाठ, प्रवचन, भजन दोपहर 12ः30 से 2ः30 बजे मोन 3 से 4 बजे अमृतवाणी संकीर्तन, प्रवचन सांय 7 से 8 बजे रामायण पाठ, प्रवचन, 5 जनवरी मंगलवार प्रातः 7 से 8 बजे ध्यान, भजन संकीर्तन प्रातः 9 से 10 बजे गीतापाठ, प्रवचन दोपहर 3 से 4 बजे अमृतवाणी, संकीर्तन आरती एवं समापन होगा। इस दोरान 3 जनवरी को श्रीरामशरणम् झाबुआ में नामदीक्षा का आयोजन होगा इसी तारतम्य में 27 दिसंबर को राम नाम की दीक्षा लेने के इच्छुक व्यक्तियों की एक विशाल बैठक का आयोजन झाबुआ में हुआ जिसमें बताया गया कि जीवन में सदगुरू क्यो आवश्यक है? साधना उपासना का क्या महत्व है? रामनाम की साधना कैसे सीधी सरल एवं प्रतिबंधो से मुक्त है अनपढ हो या ज्ञानी सभी के लिए बहुत ही उत्तम मार्ग है जो आडम्बर मुक्त है। समिति ने धर्मप्रेमी सज्जनों से अनुरोध किया है कि अधिक से अधिक की संख्या में उपस्थित होकर रामनाम की दीक्षा ग्रहण और जीवन को सफल बनाए।
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