मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ
भगवान का नाम सदा ही मंगलकारी होता है भागवत भजन करते रहना चाहिए आपकी जिसके नाम में श्रद्धा हो उसका भजन करो जब सूत जी ने सोनकादिक ऋषियों से पूछा कि किसके नाम से भवसागर से पार हुआ जा सकता है तो उन्होंने बताया कि शिव का नाम सारे मनोरथ पूर्ण कर देता है।

उक्त विचार व्यास पीठ पर विराजमान पंडित शैलेंद्र शास्त्री जी ने आम्बुआ में आयोजित शिव महापुराण कथा में व्यक्त किये उन्होंने आगे कहा कि शरीर में दस इंद्रियां होती है जिसका राजा मन होता है मन मंदारी की तरह नचाता रहता है पूजा करते समय मन भटकता है मगर नोट गिनते समय मन नहीं भटकता है भगवान माया पति है वह माया को हर लेते हैं शिव सबके है वह पशुओं के भी नाथ है इस कारण पशुपतिनाथ कहलाते हैं शिव के पंचाक्षर नाम का जाप करने से सारे काम बन जाते हैं उन्होंने चार युगों का वर्णन किया तथा पार्थिव शिवलिंग पूजा का महत्व बताया। भगवान कृष्ण की रासलीला में शिव जी का जाना आदि के बाद।
