परंपरा के निर्वाहन के गवाह बने हजारों ग्रामीण,जमीन से 20 फीट ऊँचाई पर उलटा लटककर सरपंच ने उतारी मन्नत,दहकते अंगारों पर नंगे पांव चली महिलाएं
लवेश स्वर्णकार @ रायपुरिया
हाट बाजार मैदान में प्रतिवर्ष की परंपरा के अनुसार धुलेटी वाले दिन दोपहर बाद परंपरागत गल-चुल कार्यक्रम आयोजित हुवा आयोजित कार्यक्रम को देखने के लिए हजारो की संख्या मे जनसेलाब उमडा । दरअसल आदिवासी समाज अपनी परंपरा को निभाने के लिए इस कार्यक्रम में पहुचते है कार्यक्रम क्षेत्र का प्रसिद्ध कार्यक्रम होता हे ! लिहाजा बुजुर्ग युवक युवतिया भी इसको लेकर उत्साहित रहती है और यहां गल चूल के कार्यकम को देखने पहुचते है। युवक युवतिया अपनी पारंपरिक वेश् भूषा तो कई आधुनिकता के फेशन मे सज धजकर भी देखने को मिले ।
*हजारो आदिवासी पहुचे परंपरा के गवाह बने*

हाट बाजार मैदान में सर्वप्रथम मन्नात्धारीयो ने पहले गल देवता की पूजा अर्चना की बाद में मन्नतधारी ने जमीन से 20 फ़ीट उपर रस्सियों के बीच उल्टा लटककर गल देव के चक्कर लगाए ग्राम के सरपंच सुखराम मेड़ा ने भी 20 फिट ऊंची मचान पर उल्टा लटककर ग्राम की सुख समृद्धि के लिए गल के चक्कर लगाए व प्रार्थना की ।आज के दिन ऐसा करने के पीछे मान्यताये हे की उनकी मन्नते पूरी होती हे और घर मे सुख शांति आती हे ! इस कार्यक्रम को देखने के लिए हजारो की संख्या में ग्रामीण आस पास के ग्रामो से पहुँचे तथा परम्परगत इस आयोजन के गवाह बने ।
*चुल; दहकते अंगारों पर नगे पैर चलकर महिलाओं ने उत़ारी मन्नते*
मन्नतधारियों ने चुल याने दहकते अंगारों पर नंगे पैर चलकर अपनी मन्नते पृरी की उसके बाद उन्होंने भी गल देव की पूजा अर्चना कर अपनी अपनी मन्नते पूरी की ।
*पांच झूले रहे आकर्षण का केंद्र,*
