अमृत महोत्सव: भारत का स्वतंत्रता आंदोलन विश्व के किसी भी अन्य देश की स्वतंत्रता की लड़ाई से कई अर्थों में है भिन्न

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झाबुआ Live Desk
देशव्यापी स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव का प्रारंभ जिले के अग्रणी माता जीजाबाई शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय मोती तबेला इंदौर में उत्साह पूर्वक हुआ शासन के निर्देशानुसार साबरमती से प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के सीधे प्रसारण को देखने से पूर्व प्राचार्य डॉक्टर सुमित्रा वास्केल ने उद्घाटन की औपचारिक घोषणा की तथा प्रशासनिक अधिकारी एमडी सोमानी ने छात्राओं को इस 75 सप्ताह के कार्यक्रम को दांडी यात्रा से क्यों प्रारंभ किया महत्व को समझायाl तत्पश्चात छात्राओं एवं स्टाफ के सदस्यों ने साबरमती से होने वाले इस महान उत्सव के उद्घाटन समारोह का सीधा प्रसारण देखा इस कार्यक्रम में कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया गया तथा अन्य महाविद्यालयों को भी प्रोटोकॉल पालन करने का निर्देश प्रदान किया गया थाl इस सीधे प्रसारण के पश्चात डॉक्टर शादाब सिद्दीकी जो कि वर्तमान में झाबुआ में आबकारी अधिकारी के रूप में पदस्थ हैं छात्राओं एवं शिक्षकों को व्याख्यान दिया उन्होंने बताया कि भारत का स्वतंत्रता आंदोलन विश्व के किसी भी अन्य देश की स्वतंत्रता की लड़ाई से कई अर्थों में भिंन्न
है .हमने सत्याग्रह और अहिंसा जैसे आध्यात्मिक सिद्धांतों से स्वतंत्रता हासिल की .यह आंदोलन सिर्फ अंग्रेजों के विरुद्ध नहीं बल्कि समाज में व्याप्त कुरीतियों महिलाओं की दयनीय स्थिति जातिगत भेदभाव धार्मिक भिन्नता आदि के विरुद्ध भी था .महात्मा गांधी ने आजादी हासिल करने का जो रास्ता प्रशस्त किया वह एक ऐसे राज्य की कल्पना थी जो सत्ता विहीन है .12 मार्च 1930 से आरंभ हुआ दांडी मार्च विश्व इतिहास में ऐसे करिश्माई आंदोलन के रूप में दर्ज है जिसमें मुट्ठी भर नमक में पूरे देश को आंदोलित कर दिया. यह आंदोलन पूरी दुनिया में रोल मॉडल की तरह अध्ययन का विषय होना चाहिए . स्वागत भाषण प्राचार्य डॉ सुमित्रा वास्केल ने दिया एवं कार्यक्रम का संचालन एवं अतिथि परिचय डॉक्टर तृप्ति जोशी द्वारा प्रदान किया गया आभार डॉ चंद्रकांता भट्टने व्यक्त किया
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