झाबुआ के युवा ने किया अनोखा अविष्कार, देसी घट्टी को किया विद्युत चलित

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विपुल पांचाल@ झाबुआ Live

शिवगंगा झाबुआ द्वारा पिछले 8 वर्षों से जमीन संवर्धन के विषय को लेकर गाँव गाँव में जैविक और उन्नत कृषि  को लेकर जागरूकता और प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इसके सुपरिणाम आज एक सामाजिक उद्यम के रूप में सामने आ रहे हैं। झाबुआ के किसान झाबुआ नेचुरल्स उत्पादक समूह बनाकर जैविक सब्जियाँ और घट्टी से बनी दालें इंदौर बेच रहे हैं।

परंपरागत घट्टी का नई तकनीक के माध्यम से उन्नयन झाबुआ के पलासडी गाँव के रहने वाले युवा विजेंद्र अमलियार ने किया। वे पिछले 8 वर्षों से शिवगंगा से जुड़कर किसानों के बीच कार्य कर रहे हैं। विजेंद्र ने बताया कि घट्टी से किसान उद्यमी व आत्म निर्भर बनेंगे। वे अपने घर पर घट्टी से बनी दालों की पैकेजिंग कर मार्केट में उचित दामों पर बेच सकेंगे। झाबुआ व अन्य जिलों के अनेक किसानों से इस घट्टी की मांग आ रही है।

घट्टी के तकनीकी उन्नयन में विजेंद्र के सहयोगी रहे आई.आई.टी इंजीनियर सत्यजीत पटेल ने बताया कि झाबुआ के युवाओं की नेटिव इनटेलीजेंस आश्चर्यजनक है। समस्या सुलझाने में उनकी एप्रोच बहुत व्यवहारिक है। बहुत कम संसाधनों में भी वे लोग उत्कृष्ट समाधान निकाल पाते हैं। परंपरागत व व्यवहारिक ज्ञान से सराबोर ग्रामीण युवा व आधुनिक तकनीकी ज्ञान से लैस उत्कृष्ट संस्थानों के युवा मिलकर भारत के नवविज्ञान समृद्धि में एक अहम भूमिका रख सकते हैं।

ये रहा यूरेका क्षण
विजेंद्र एक अन्य मशीन को देख रहे थे जो विद्युत चलित मोटर से सीडबॉल बनाती है। और एक तरफ उन्होंने देखा कि दिन भर की मेहनत से भी उनकी पत्नी कम ही दाल बना पाती थी। यह सोचकर उन्होंने मोटर से चलने वाली घट्टी की कल्पना की और 5 महीने में ही उसको मूर्त रूप दे दिया। घट्टी में दाल के अलावा आटा व दलिया भी बनाया जा सकता है।

जैविक किसान कमेश डामोर बने घट्टी को खरीदने वाले पहले किसान
लिमखोदरा के कमेश के घर, पहली घट्टी का उद्घाटन कल गाँव की महिलाओं द्वारा पूजन कर किया गया। कमेश एक सामाजिक उद्यमी कृषक हैं। उन्होंने बताया कि वे गाँव के अनेक किसानों को जोड़ेंगे और मिलकर इस कार्य को करेंगे।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहे शिवगंगा प्रमुख कार्यकर्ता राजाराम कटारा ने बताया कि परमार्थ की प्रेरणा से चल रहे संवर्धन से समृद्धि की इस अभियान में घट्टी एक और अहम कदम है। कार्यक्रम में 5 गाँव के किसान भी उपस्थित रहे और उन्होंने भी जमीन संवर्धन के संकल्प लिया। कार्यक्रम में आई.आई.टी इंजीनियर नितिन धाकड़ व अनूप सिंह, एमएससी एग्रीकल्चर शिवम वाजपाई, दिनेश परमार भी शामिल रहे।

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