छोटी उम्र में नाजुक पैरों से संन्यास की कठिन डगर पर चलेगा झाबुआ का बेटा; कल सम्पन्न होगी दीक्षा …

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विपुल पांचाल@ झाबुआ Live
झाबुआ शहर के वर्षों के इतिहास में पहली बार जैन जैन परिवार का एक बेटा कल आम जीवन की चकाचौंध को त्यागकर जैन धर्म की दीक्षा लेने जा रहा हैं।
वह सांसारिक जीवन का त्याग कर संयम पथ पर चलने के लिए आचार्य भगवंतों के समक्ष दीक्षा ग्रहण करेगा। दीक्षा के आयोजन को लेकर सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। यह दीक्षा पूज्य आचार्यश्री सूरिजी की पावन निश्राय में आहोर में सुबह साढ़े 6 बजे सम्पन्न होगी।
धरमचन्द मेहता के पौत्र और सुश्रावक और ऋषभदेव बावन जीनालय झाबुआ के अध्यक्ष संजय मेहता के पुत्र शाश्वत मेहता अब संयम पथ पर अग्रसर होंगे। इसके बाद वह माता-पिता, रिश्तेदार और दोस्तों से दूर होकर साधु-संतों के साथ साधु जीवन व्यतीत करेगा। छोटी उम्र में नाजुक पैरों से संन्यास की कठिन डगर पर चलेगा। किताबें तो होंगी, लेकिन स्कूल की नहीं, बल्कि जैन धर्म की शिक्षा देने वाली। सम्भवतः झाबुआ शहर के इतिहास में यह पहला मौका है, कि कोई किशोर साधु वेश धारण कर संयम पथ पर चलेगा।

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