ठेकेदार की मनमानी से बढ़ रहा कोविड-19 का खतरा : जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी से नियम विरुद्ध कार्य जारी

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भूपेन्द्र बरमंडलिया, मेघनगर

मेघनगर खाद्य आपूर्ति निगम का गेंहू पिपरिया से लोड होकर मेघनगर रेल्वे रेक पॉइंट पर पहुंच रहा है। यहां पर दबाव एवं प्रभाव वाले ठेकेदार द्वारा शासन प्रशासन को कोरोनावायरस गाइडलाइन की तमाम नियमों को ठेंगा बताया जा रहा है जिले में कोरोनावायरस के आंकड़े की बात करें तो सितंबर माह में 25% कोरोना मरीजों में वृद्धि 777 कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा सामने आया है।इन दिनों नागरिक खाद्यान्न आपूर्ति निगम का टेंडर सोना ट्रांसपोर्ट ठेकेदार युसूफ खान के नाम से मेघनगर रेलवे रैक पॉइंट से आने वाले सरकारी अनाज को झाबुआ, अलीराजपुर एवं अन्य जिलों में वेयरहाउस एवं उचित मूल्य दुकानों तक गेहूं, चावल एवं अन्य खाद्यान्न पहुंचाने का नवीन टेंडर हुआ है।यह कार्य पूर्व में सुरेश चंद पूरणमल जैन ठेकेदार द्वारा किया जाता था।मंगलवार रात 10 बजे मेघनगर रैक पॉइंट पर 42 बोगी अनाज पिपरिया से लोड होकर मेघनगर रेलवे रेक पॉइंट पर पहुँचा था। सोना ट्रांसपोर्ट के ठेकेदार कर्मचारी नियमो को ताक पर रखकर बेपरवाह नजर आये अब सबसे बड़ा सवाल यह है की क्या भोपाली ठेकदार विश्व के सबसे बड़े खतरे कोरोना को झाबुआ जिले मे फैलाने को आतुर है इसका नजारा मेघनगर रेल्वे रेक पॉइंट पर साफ देखा जा सकता है। बुधवार को रेट बढ़ाने की बात को लेकर ठेकेदार से मजदूरों ने मांगों को लेकर विवाद किया तो दूसरी ओर भोपाली ठेकेदार में आव देखा ना ताव भोपाल से लगभग 150 लेबर ट्रक में लाद कर भोपाल से मेघनगर ले आया। ठेकेदार द्वरा भोपाल से मेघनगर लाए गए में कोरोना तो नही..? मजदूरों कि कहीं भी कोरोना जांच नहीं करवाई इतना ही नहीं गेहूं खाली करते वक्त मजदुरो के चेहरे पर मास्क या सेफ्टी सैनिटाइजर जैसा कुछ नहीं था ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन।हमने भोपाल से आए एक मजदूर से जब बात की तो उसने ठेकेदार से मिलने वाली कोरोना सेफ्टी की सारी सुविधाओं से इनकार कर दिया। 42 बोगी रेल डब्बो में लगभग 5 लाख से अधिक गेहूं की बोरियों को बोगी से अनलोड कर ट्रक में डालकर अलग अलग वेयरहाउस पर भेजा गया। अब यह तो जांच का विषय है कि खाद्यान्न जैसी चीजों में कोरोना इनफेक्शन फैला है या नहीं।

समय पर नहीं हो रही हो गया खाली दो लाख की रेलवे ने लगाई पेनल्टी

मंगलवार रात 10 खाली होने वाली रेक रेलवे के दिए गए समय अनुसार बुधवार सुबह 9 बजे तक खाली हो जाना थी। जो गुरुवार देर सुबह तक खाली होती रही।इसे ठेकेदार की लापरवाही कहें या कुछ और वजह… जो भी हो ठेकेदार की अनलोड करने की सारी व्यवस्थाएं ठप नजर आई। रतलाम रेलवे विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिए गए समय से यदि ठेकेदार रेल्वे बोगी देरी से खाली करता है तो प्रति घंटे बोगी के हिसाब से 150 रुपये लेट फीस पेनल्टी के रूप में रेलवे विभाग वसुलता है। 42 बोगी के हिसाब से 150 रुपये प्रति घंटा के हिसाब से 6300 रुपये प्रति घंटा लेट फीस लगी। जिसमें सोना सोया को 2 लाख 16 सो रुपये रेलवे विभाग ने लेट फीस चार्ज सोना ट्रांसपोर्ट ठेकेदार पर पेनल्टी लगाई है। आपको बता दें कि एक रेक को खाली करने में 300 मजदूर एक साथ लगते है। जिसकी व्यवस्था भोपाली ठेकेदार के पास नजर नहीं आ रही है। अब अमानत में खयानत तो भोपाली की हो ही रही है क्या आगे झाबुआ इन भोपाली ठेकेदार की वजह से सेफ रहेगा या फिर कोरोना का कहर भोपाल इंदौर की तरह झाबुआ मेघनगर व आसपास के गांवों में में भी देखने को मिलेगा यह बड़ा सवाल है। ऐसे ,में रेलवे सुरक्षा बल का बेरिक भी रेक पाईट के काफी नजदीक है जहा पर भोपाली मजदूर बाहर बेठे नजर आ जाते है ऐसे में कोरोना का कहर इन जवानों पर भी नही टूट पड़े वर्ना रेलवे विभाग के कई कर्मचारियों का कोरोना की चपेट में आने का अंदेशा बना रहेगा !

एस डी एम ने कही यह बात

चाहे कोई भी हो कोरोनावायरस इन का सख्ती से पालन करवाया जाएगा इतना ही नहीं मैं खुद जाकर मुझे को देखता हूं यदि कोरोना टेस्ट मजदूरों का नहीं हुआ है तो उन्हें हिदायत देकर समझाइश दी जाएगी व टेस्ट करवाया जाएगा। -एल.एन .गर्ग अनुविभागीय अधिकारी मेघनगर

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