भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव सादगी से मनाया, कोरोना ने गोविंदाओं को किया मायूस

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

वसुदेव देवकी नंदन मां यशोदा एवं नंद बाबा के लाडले योग पुरुष भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव कृष्ण जन्माष्टमी को धूमधाम से मनाया जाता है गोविंदा उत्साह के साथ मटकी फोड़ते हैं लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते जन्मोत्सव सादगी के साथ मनाया गया रात्रि 12 बजे आरती की गई।

जैसा की विदित है भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव भादो माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रात 12 बजे मनाया जाता है। मंदिरों में सुबह से लेकर रात तक भक्तों की भीड़ लगी रहती है। बाजारों के चौराहों पर जमीन मटकी तथा रस्सी के सहारे आसमान की ऊंचाई पर मटकियां बांधी जाकर गोविंदाओं की टोलियां मटकी फोड़ती है तथा पुरस्कार की राशि प्राप्त करती है। इस वर्ष यह आयोजन कोरोना महामारी की भेंट चढ़ गया गोविंदा मायूस दिखे यहां स्थित श्रीराम मंदिर में श्री कृष्ण जन्मोत्सव सादगी के साथ मनाया गया मंदिर भव्य झांकी सजाई जाकर माखन चोर नंद लाला को नवीन परिधानों से सुसज्जित किया गया सुंदरकांड मंडल के सदस्यों ने कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए भजनों की प्रस्तुति के साथ पुजारी  शंकर लाल पारीख ने कृष्ण जन्मोत्सव रात 12 बजे आरती उतारी कथा सीमित संख्या में आए कृष्ण भक्तों को प्रसादी वितरण की गई। मंदिर को भव्य रूप से सजाने के लिए सलीम खान टेंट वाले का विशेष सहयोग रहा आगामी त्यौहार भी कोरोना महामारी की भेंट चढ़ने जा रहे हैं तथा सादगी से मनाए जाने के निर्णय लिए गए हैं।

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