ये है असली कोरोना योद्धा: जो कर रहे अपनी जान की परवाह किए बिना कोविड-19 पीड़ितों का ईलाज

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विपुल पांचाल@ झाबुआ Live
झाबुआ में सरकारी जिला अस्पताल में बने आयसुलेशन वार्ड में फिलहाल करोना के मरीज रखे जा रहे हैं। वो मरीज, जिनके चलते कई इलाके लॉक हैं और लोग सांसत में हैं। कोरोना संकट का ये सिर्फ एक पक्ष है। दिल दहला देने वाला दूसरा पहलू वो है जिसमें डाक्टर अपनी जान की परवाह किए बिना इन मरीजों का इलाज करते दिख रहे हैं। इसे जानना ज्यादा जरूरी है।
कोरोना वॉरियर्स (Corona Warriors) सब कुछ भूल कर ड्यूटी करने में जुटे हुए है। घर-परिवार से दूर, अपनी फिक्र किए बिना लोगों को कोरोना वायरस (Corona Virus) जैसी मुश्किल से लड़ने को प्रेरित कर रहे हैं। जैसा मिला खा लिया, जहां जगह मिली वहीं सो गए। कोविड मरीज की मृत्यु के बाद की सारी प्रक्रिया हो।
ऐसी ही एक तस्वीर झाबुआ शहर में भी देखने को मिली। जहां डॉ अपनी ड्यूटी के साथ अपना कर्म और धर्म निभाया।
जी हां..हम बात कर रहे डॉक्टर सावन चौहान, डॉक्टर सुमित सोनी,उनके सहयोगी शाकिर हुसैन कुरेशी और संजय की। जो पिछले 5 महीनों से अपनी ड्यूटी बखूबी निभा रहे है, वह भी बिना किसी मोह के। पिछले दिनों एक कोविड पीड़ित का इलाज करते हुए मृत्यु के बाद उनके अंतिम संस्कार से लेकर सबकुछ इन डाक्टरो ने किया। वहीं खुद फिर क्वारींटिन हो गए ताकि अगर उनमें वह वायरस आया भी हो तो दूसरों में न जा सके। पिछले दिनों ही उनके सेम्पल भी भेजे गए थे, जिसकी रिपोर्ट आज आ चुकी है, डाक्टर व उनके सहयोगी कोरोना नेगेटिव आए है। अब वे दोबारा अपनी ड्यूटी पर लौट रहे है। महामारी के दौरान मुश्किल हालात में ये कोरोना वॉरियर्स काम कर रहे हैं।
कोरोना से असली लड़ाई और आमने-सामने से दो-दो हाथ कोरोना वार्ड में काम कर रहे हमारे डॉक्टर लड़ ही रहे हैं। ये डॉक्टर वास्तविक रूप से कोरोना के खिलाफ जंग में योद्धा हैं। इन्हे हर लोगों को सम्मान की दृष्टि से देखना चाहिए तथा उन्हें सहयोग करना चाहिए।

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