कोरोना इफेक्ट: सेवानिवृत्त सिविल चिकित्सक सहित 30 लोगो को क्यो होना पड़ा होम क्वारींटाइन..?, लिये सेम्पल

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सलमान शैख़@ झाबुआ Live

कोरोना वैश्विक महामारी का दौर इन दिनों जहां पूरे विश्व में देखने को मिल रहा है, वहीं अब ग्रामीण अंचलों में भी इसकी पैठ गहरी होती जा रही है।
बीते दिनों झाबुआ जिले के पेटलावद से कोरोना पॉजिटिव दो लोगो के संपर्क में आने वालों को होम क्वारींटाइन ओर सेम्पल लेने की प्रक्रिया आज स्वास्थ्य महकमें ने की है। इस बात की पुष्टि बीएमओ डाक्टर एमएल चौपड़ा ने की। प्रशासन के लिए यह चिंता का विषय है कि लगातार सख्ती और बेहतर व्यवस्था के बाद भी संक्रमण फैल रहा है।
आपको बता दे कि पेटलावद के बामनिया में रहने वाली एक बुजुर्ग महिला गुजरात में कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने उस महिला की हिस्ट्री निकाली और तो तबीयत खराब होते हैं उन्हें बामनिया से पेटलावद के निजी अस्पताल में ले जाया जाना भी सामने आया। यह निजी हॉस्पिटल सेवानिवृत्त सिविल चिकित्सक डाक्टर केडी मंडलोई का था, जब महिला को यहां लाया गया था तो डॉक्टर केडी मंडलोई ने उन्हें उनका स्वास्थ्य चेकअप किया था और ज्यादा सीरियस कंडीशन के कारण महिला को गुजरात के लिए रवाना कर दिया था। चूँकि डाक्टर केडी मंडलोई ओर उनका पुत्र व स्टाफ कोरोना पॉजिटिव महिला के सम्पर्क में आये थे, तो एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य विभाग ने 7 परिवार के सदस्यों सहित डाक्टर केडी मंडलोई, उनके पुत्र व स्टाफ के 6 लोगो को क्वारींटाइन कर उनके सेम्पल लिए है। इसी के साथ जो बीआरसी कार्यालय में पदस्थ लेखापाल कोरोना पॉजिटिव आया था उनके सम्पर्क में आने वाले 15 लोगो को क्वारींटाइन कर सेम्पल लिए गए है। इन दोनों को मिलाकर पेटलावद ओर बामनिया से 30 लोगो को क्वारींटाइन कर उनके सेम्पल लिए गए है।
बता दें कि झाबुआ जिले में कोरोना वायरस (Coronavirus) की चपेट में आने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। कोरोना संक्रमण से जुड़े जितने भी मामले अभी तक सामने आए हैं वह बाहर से आए लोगों की वजह से संक्रमित होना बताए गए हैं। कोरोना पॉजिटिव आए मरीजों को इलाज के लिए आयसुलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है। वहीं कंटेनमेंट जोन बनाकर संक्रमित क्षेत्र में आवागमन पूरी तरह से बंद करा दिया है।

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